Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2016 · 1 min read

धुंध की चादर मे शहर सिसक रहा है

न जाने क्यू दिल मे कुछ हलचल हो रही थी
द्वार पे जाकर देखा तो इक पेड़ पे बनी थी

नश्तर लिए हाथो मे पत्ते कतर रहे थे
जी जान से जुटे थे इक पल न ठहर रहे थे

मुंडित किया सिरे से अब ठूंठ सा खड़ा था
पत्ते बिना वो पेड़ अब गिरने को हो चला था

आलय दिया धरा ने
पुष्पित किया पवन ने
बूंदों ने पल्लवित किया था …..
रवि के ताप से जगमग हो चला था …..
पर !!!

मारी कुल्हाड़ी ऐसी बस ढेर हो चला था
टुकड़े किए हजारो ढो के ले चला था

अजब सा मंजर था ये क्या हो रहा था
जीते जी उसने उपकार ही किया था

कुछ नही तो प्राण वायु ही दे रहा था
मर कर भी वो कुछ तो दे रहा है

घर बार को किवाड़ और बिस्तर दे रहा है
फिर भी इसॉ उसके प्राण ले रहा है

अन्जान हो खुद को मलिन कर रहा है
बढ़ते प्रदूषण मे खुद ही सिमट रहा है
स्वयं को प्रक्रति दूर कर रहा है
आपदा को स्वयं ही न्योता दे रहा है
सच….
धुंध की चादर मे शहर सिसक रहा है
धुंध की चादर मे शहर सिसक रहा है

Language: Hindi
625 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
VINOD CHAUHAN
जैसी सोच,वैसा फल
जैसी सोच,वैसा फल
Paras Nath Jha
"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कृष्ण कन्हैया
कृष्ण कन्हैया
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुम अगर कांटे बोओऐ
तुम अगर कांटे बोओऐ
shabina. Naaz
तन्हाईयाँ
तन्हाईयाँ
Shyam Sundar Subramanian
रिवायत
रिवायत
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
॥ संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥
॥ संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कभी- कभी
कभी- कभी
Harish Chandra Pande
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
AJAY AMITABH SUMAN
वर्षा
वर्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरे राम तेरे राम
मेरे राम तेरे राम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आप खास बनो में आम आदमी ही सही
आप खास बनो में आम आदमी ही सही
मानक लाल मनु
"मुलाजिम"
Dr. Kishan tandon kranti
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की   कोशिश मत करना
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की कोशिश मत करना
Anand.sharma
सफर में चाहते खुशियॉं, तो ले सामान कम निकलो(मुक्तक)
सफर में चाहते खुशियॉं, तो ले सामान कम निकलो(मुक्तक)
Ravi Prakash
2389.पूर्णिका
2389.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रूठी बीवी को मनाने चले हो
रूठी बीवी को मनाने चले हो
Prem Farrukhabadi
हिंदी दोहा- अर्चना
हिंदी दोहा- अर्चना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#लघु_कविता
#लघु_कविता
*Author प्रणय प्रभात*
वहां पथ पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
वहां पथ पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
Slok maurya "umang"
ये मेरा स्वयं का विवेक है
ये मेरा स्वयं का विवेक है
शेखर सिंह
** पहचान से पहले **
** पहचान से पहले **
surenderpal vaidya
चाय की दुकान पर
चाय की दुकान पर
gurudeenverma198
जिंदगी का सवाल आया है।
जिंदगी का सवाल आया है।
Dr fauzia Naseem shad
दिल ऐसी चीज़ है जो किसी पर भी ग़ालिब हो सकती है..
दिल ऐसी चीज़ है जो किसी पर भी ग़ालिब हो सकती है..
पूर्वार्थ
आरुष का गिटार
आरुष का गिटार
shivanshi2011
चाय
चाय
Dr. Seema Varma
Loading...