Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2017 · 1 min read

“देश का अपमान अब और नहीं “

“राजनीती की लालच में तुमने ,
शर्म गवां दी इस हद तक !
की आये दिन तुम सब मिलकर ,
सरेआम उछलते हो सैनिक की इज्जत !
हर सैनिक की वीरगति को ,
करते हो तुम हरदिन अपमानित !
पाक के राग गाने वाले ,
इतिहास पलटकर देख तो लो !
काश्मीर तो है ही अपना ,
ये कान खोलकर सुन तो लो !
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ,
तुम ऐसा लाभ न लो !
भारत के टुकड़े कर दोगे ,
ऐसे सपने छोड़ ही दो !
खून खौल रहा हर भारतवासी का ,
तुम जैसे गद्दारों पर !
जिस धरती के कर्जदार हो ,
उसको गाली देते हो !
मेरी नजरों में तो तुम सब ,
फाँसी के ही लायक हो “!

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 723 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
* भैया दूज *
* भैया दूज *
surenderpal vaidya
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
"अजीब दस्तूर"
Dr. Kishan tandon kranti
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*
*"हलषष्ठी मैया'*
Shashi kala vyas
" जिन्दगी क्या है "
Pushpraj Anant
*हैं जिनके पास अपने*,
*हैं जिनके पास अपने*,
Rituraj shivem verma
जवानी
जवानी
Bodhisatva kastooriya
*****सबके मन मे राम *****
*****सबके मन मे राम *****
Kavita Chouhan
छपास रोग की खुजलम खुजलई
छपास रोग की खुजलम खुजलई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ईश्वर का रुप मां
ईश्वर का रुप मां
Keshi Gupta
Tumhari sasti sadak ki mohtaz nhi mai,
Tumhari sasti sadak ki mohtaz nhi mai,
Sakshi Tripathi
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
नेताम आर सी
■ शर्म भी शर्माएगी इस बेशर्मी पर।
■ शर्म भी शर्माएगी इस बेशर्मी पर।
*Author प्रणय प्रभात*
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
Shweta Soni
प्रकृति का बलात्कार
प्रकृति का बलात्कार
Atul "Krishn"
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
सिर्फ तुम्हारे खातिर
सिर्फ तुम्हारे खातिर
gurudeenverma198
भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏
भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
Manisha Manjari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
कैसा
कैसा
Ajay Mishra
* माई गंगा *
* माई गंगा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक सच और सोच
एक सच और सोच
Neeraj Agarwal
ज़िन्दगी एक बार मिलती हैं, लिख दें अपने मन के अल्फाज़
ज़िन्दगी एक बार मिलती हैं, लिख दें अपने मन के अल्फाज़
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
ఓ యువత మేలుకో..
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
हाथ में खल्ली डस्टर
हाथ में खल्ली डस्टर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
प्रेम
प्रेम
Satish Srijan
Loading...