Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2017 · 1 min read

दूध सी सफेदी

“दूध सी सफेदी”
(सत्य लघुकथा)
“”””””””””””””””””””

मैं नित्य की तरह ब्रह्ममुहूर्त में रसोईघर में दूध गर्म करके उसमें कॉफी मिलाई और पी ली तथा शेष दूध पतीले में ही रोज की तरह रख दिया | तत्पश्चात मैं सुबह सुबह प्रात:भ्रमण पर निकल गया | करीब एक घंटे पश्चात घर लौटा , तो मेरी पत्नी भी उठ चुकी थी और रसोईघर में मुँह धोने लगी | तभी अचानक मुझे कहा – देखो जी आज पानी इतना चिकना-चिकना सा है | मैंने देखा तो मेरी हँसी फूट पड़ी ! क्यों कि वो गुनगुना पानी….पानी नहीं ! दूध था , जिसे मैंने गैस चूल्हे पर ही छोड़ दिया था | फिर हँसी दबाकर मैंने कहा – भाग्यवान ये चिकना-चिकना दूध था ……पर ! कोई बात नहीं ….दूध सी सफेदी ,दूध से आए !!!!!!!

(डॉ०प्रदीप कुमार “दीप”)

Language: Hindi
369 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“सभी के काम तुम आओ”
“सभी के काम तुम आओ”
DrLakshman Jha Parimal
"सच्ची जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
*जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है (मुक्तक)*
*जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन
हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन
मनोज कर्ण
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
Neeraj Agarwal
शहद टपकता है जिनके लहजे से
शहद टपकता है जिनके लहजे से
सिद्धार्थ गोरखपुरी
फिजा में तैर रही है तुम्हारी ही खुशबू।
फिजा में तैर रही है तुम्हारी ही खुशबू।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
3324.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3324.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मधुमास
मधुमास
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
व्यर्थ विवाद की
व्यर्थ विवाद की
*Author प्रणय प्रभात*
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
Pramila sultan
शेयर
शेयर
rekha mohan
ग़ज़ल एक प्रणय गीत +रमेशराज
ग़ज़ल एक प्रणय गीत +रमेशराज
कवि रमेशराज
भ्रूणहत्या
भ्रूणहत्या
Dr Parveen Thakur
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
फ्लाइंग किस और धूम्रपान
फ्लाइंग किस और धूम्रपान
Dr. Harvinder Singh Bakshi
फ़कत इसी वजह से पीछे हट जाते हैं कदम
फ़कत इसी वजह से पीछे हट जाते हैं कदम
gurudeenverma198
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
योग
योग
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
🕊️एक परिंदा उड़ चला....!
🕊️एक परिंदा उड़ चला....!
Srishty Bansal
ऑंधियों का दौर
ऑंधियों का दौर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*
*"हिंदी"*
Shashi kala vyas
मात पिता
मात पिता
विजय कुमार अग्रवाल
मतलबी इंसान हैं
मतलबी इंसान हैं
विक्रम कुमार
थर्मामीटर / मुसाफ़िर बैठा
थर्मामीटर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
पूर्वार्थ
जितना तुझे लिखा गया , पढ़ा गया
जितना तुझे लिखा गया , पढ़ा गया
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मैं बेटी हूँ
मैं बेटी हूँ
लक्ष्मी सिंह
Loading...