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17 Jun 2016 · 1 min read

तेज

शास्त्र कहे रवि ने निज तेज उठाकर पावक में जब डाला।
दीपक लौ घृत संग प्रदान करे हमको तब स्वस्थ उजाला।
पूजन वन्दन हेतु प्रयुक्त हुआ कर धारण ये शुचि ज्वाला।
निर्भय मानव को कर दे यह नष्ट सदैव करे तम काला।।
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ

Language: Hindi
492 Views
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