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4 Jul 2016 · 1 min read

तुम वही हो

तुम वही हो ना,
जो अक्सर आकर मेरे कान में कुछ कहते हो,
मेरी तनहाइयों में कुछ गुनगुनाते हो,
जो मुझे ख्वाब देखने का बढ़ावा देते हो,
हाँ तुम वही तो हो,
जो अक्सर मेरी अंतरात्मा को झकझोरते हो,
मेरे मन के तारों को गुंजायमान करते हो,
मेरी भावनाओं को तरंगित करते हो
तुम वही हो ना,
जो चाहता है मैं संघर्ष करूँ,
जिसको हर पल हर लम्हा सोचूँ,
जो मेरी हर साँस खुद को ढूंढता है,
वही हो ना तुम,
जो मेरी यादों में रहना चाहते हो,
जो मेरी बातों में रहना चाहते हो,
जो मुझमे अपना अस्तित्व बनाना चाहता है,
तुम वही हो ना……..

“संदीप कुमार”

Language: Hindi
620 Views
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