Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2016 · 1 min read

#कुंडलिया//चैक बाउंस

सोचो समझो दीजिए , चैक किसी को यार।
बाउंंस अगर हो गया , जेल बने घर-बार।।
जेल बने घर-बार , लुटे घर की यूँ इज़्ज़त।
धोखेबाजी छोड़ , न आए घर में आफ़त।
सुन प्रीतम की बात , सत्य को कभी न नोंचो।
करो ख़ुशी से काम , ठीक से पहले सोचो।

#आर.एस.प्रीतम

252 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
हँसते - रोते कट गए , जीवन के सौ साल(कुंडलिया)
हँसते - रोते कट गए , जीवन के सौ साल(कुंडलिया)
Ravi Prakash
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
शक्ति राव मणि
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
Seema Verma
हमने क्या खोया
हमने क्या खोया
Dr fauzia Naseem shad
राम समर्पित रहे अवध में,
राम समर्पित रहे अवध में,
Sanjay ' शून्य'
बर्दाश्त की हद
बर्दाश्त की हद
Shekhar Chandra Mitra
अभिसप्त गधा
अभिसप्त गधा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एहसास
एहसास
Er.Navaneet R Shandily
चँचल हिरनी
चँचल हिरनी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
लटकते ताले
लटकते ताले
Kanchan Khanna
"वेश्या"
Dr. Kishan tandon kranti
आँख
आँख
विजय कुमार अग्रवाल
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
gurudeenverma198
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
होली गीत
होली गीत
umesh mehra
जीवन
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पतंग
पतंग
अलका 'भारती'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"पापा की परी"
Yogendra Chaturwedi
बनारस के घाटों पर रंग है चढ़ा,
बनारस के घाटों पर रंग है चढ़ा,
Sahil Ahmad
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
पूर्वार्थ
🚩एकांत महान
🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak
भ्रात प्रेम का रूप है,
भ्रात प्रेम का रूप है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अब खयाल कहाँ के खयाल किसका है
अब खयाल कहाँ के खयाल किसका है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दहन
दहन
Shyam Sundar Subramanian
आखिरी ख्वाहिश
आखिरी ख्वाहिश
Surinder blackpen
खुला आसमान
खुला आसमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
■ शुभागमन गणराज 💐
■ शुभागमन गणराज 💐
*Author प्रणय प्रभात*
2786. *पूर्णिका*
2786. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...