??नाज़ों की दुनिया??
सभ्य बनो,शिक्षित बनो,यही है नाज़ों की दुनिया।
ज्ञान के फूलों से महकती है समाजों की दुनिया।।
कुछ ऐसे कर्म करो कि दुनिया में नाम रहे अमर!
सजती रहे दुनियां में तुम्हारे अल्फाज़ों की दुनिया।।
आप भला तो जग भला,अमल इस पर कीजिए।
चमक उठेगी ज़िन्दगी में वक्त के तक़ाज़ों की दुनिया।।
वादा कर निभाना मुकर गिरगिट न बन जाना कभी।
यादें यही कहती हैं, इंसान के मिज़ाज़ों की दुनिया।।
“प्रीतम”तेरी प्रीत का कोना समन्दर से भी गहरा हो।
डूब जाए जिसमें फ़रेबियों के अंदाज़ों की दुनिया।।