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29 Jan 2017 · 1 min read

कुछ परिभाषाएँ…!

कसम
—-
बातों की श्रंखला में
विश्वास की चेष्टा
और झूँठ की पराकाष्ठा को
‘कसम’ कहते हैं ।

कदम
—-
समीप से सुदूर तक
सुदूर से समीप तक
जाने और आने के माप को
‘कदम’ कहते हैं ।

करम
—-
कल और कल के
मध्य में भटकते
आज के भूत और भविष्य को
‘करम’ कहते हैं ।

कलम
—-
अंकित कर लेती जो
बहकते विचारों को
उस भोजपत्र की प्रेमिका को
‘कलम कहते हैं ।
—-
– महेश जैन ‘ज्योति ‘

Language: Hindi
380 Views
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