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10 Jun 2017 · 1 min read

कश्मीर का दर्द-२

शहीद ले.उमर फैयाज़ को समर्पित (५ हाइकु)


झेलम तीरे
पहले जैसा समाँ !
सुकूँ नहीं रे।


पके अनार
पड़ोसियों का प्यार
अब दुष्वार।

सोच बीमार
कशमीर की हार
भाई पे वार।

डल शिकारे
हत भाग हुए रे
भाई को हारे।

वादी में शादी
सैनिक भाई आया
कफन पाया।

अपर्णा थपलियाल”रानू”

Language: Hindi
319 Views
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