Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2017 · 1 min read

एहसाास वर्षा का

पेड़ -पौधें लहराते
हवाओं में,
बिजली चमकती
बादालो में,
मैं भी घिर गया
तूफ़ानो मे,
कट रहे थे पल
मुश्किलों में।
कोई पूछे हाल हमारा
यही आश लगा
हम बैठे थे ,
याद आ रही अपनो की
बस रब को याद किये
जा रहे थे ,
गरजते -गरजते बादल
पानी का पेगा़म
बता रहे थे ,
छुआ हृदय तो
खुशी का जाम
पिला रहें थे।

Language: Hindi
307 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भूख सोने नहीं देती
भूख सोने नहीं देती
Shweta Soni
साक्षात्कार-पीयूष गोयल(दर्पण छवि लेखक).
साक्षात्कार-पीयूष गोयल(दर्पण छवि लेखक).
Piyush Goel
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
पूर्वार्थ
■ खरी-खरी...
■ खरी-खरी...
*Author प्रणय प्रभात*
*फितरत*
*फितरत*
Dushyant Kumar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रपटा घाट मंडला
रपटा घाट मंडला
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*आदमी यह सोचता है, मैं अमर हूॅं मैं अजर (हिंदी गजल)*
*आदमी यह सोचता है, मैं अमर हूॅं मैं अजर (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
#कुछ खामियां
#कुछ खामियां
Amulyaa Ratan
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
Ms.Ankit Halke jha
हमें जीना सिखा रहे थे।
हमें जीना सिखा रहे थे।
Buddha Prakash
गुरु स्वयं नहि कियो बनि सकैछ ,
गुरु स्वयं नहि कियो बनि सकैछ ,
DrLakshman Jha Parimal
धोखा था ये आंख का
धोखा था ये आंख का
RAMESH SHARMA
सन्यासी
सन्यासी
Neeraj Agarwal
राम वन गमन हो गया
राम वन गमन हो गया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नर नारी
नर नारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सफलता
सफलता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
साधना से सिद्धि.....
साधना से सिद्धि.....
Santosh Soni
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
क्यों तुम उदास होती हो...
क्यों तुम उदास होती हो...
Er. Sanjay Shrivastava
अँधेरी गुफाओं में चलो, रौशनी की एक लकीर तो दिखी,
अँधेरी गुफाओं में चलो, रौशनी की एक लकीर तो दिखी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
नन्हें बच्चे को जब देखा
नन्हें बच्चे को जब देखा
Sushmita Singh
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
Manisha Manjari
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
मालूम है मुझे वो मिलेगा नहीं,
मालूम है मुझे वो मिलेगा नहीं,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
वो मेरे दर्द को
वो मेरे दर्द को
Dr fauzia Naseem shad
ग्रीष्म ऋतु भाग ३
ग्रीष्म ऋतु भाग ३
Vishnu Prasad 'panchotiya'
Loading...