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30 Jan 2017 · 1 min read

इश्क़ की किताब…

हर वक्त सोचता हूँ…
इश्क की किताब को…
कर दूँ आज बंद…
हर दफा खामोश हूँ…
खामोशी के पन्नों को…
कर दूँ आज रंग…
हर लम्हाँ रोकता हूँ…
अश्कों की बूँदों को…
मिटा लूँ आज रंज…
हर पन्ना लिखता हूँ…
अपने अधूरे इश्क को…
कैसे चलूँ उसके संग…
शायद मैं उसका हूँ…
यही बहम है मुझ को…
हुआ हूँ आज रंक (गरीब)…
(स्वरचित)
#rahul_rhs

Language: Hindi
244 Views
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