Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2017 · 1 min read

आसमान में चितकबरे चित्र!

आसमान में
बादलों के चितकबरे चित्र
कभी लगे कि शेर
तो कभी सियार—!
कभी कभी माँ गोद में लिए
नन्हे शिशु को करतीं दुलार
कभी राजा बैठा सिंहासन पर
कभी तपस्वी आसन पर
पढ़ते हजारों लोग नमाज
बच्चों के बीच कभी नाचे सेन्टाक्लाॅज!
गदाधारी हनुमान कहते जय श्री राम
वीर शिवाजी घोड़े पर
कहते आराम हराम
कभी नदी में नाव
बैठा एक मुसाफिर पेड़ की छांव
भारी भरकम हाथी-भारी उसके पांव
कुछ झोपड़ियाँ ज्यों छोटा सा गाँव
देखो भटकता आदमी
उसका ठौर न कोई ठांव
हाँ—
आसमान में एक दुनिया दिखती है
एक जीवन प्रतीत होता है
कोई हँसता है कोई रोता है
कहीं मुनाफा कहीं आदमी सब कुछ खोता है।
अचानक आसमान साफ—
बादल छूमंतर—
आसमान के चित्रों और धरा के जीवन में क्या है कोई अंतर?
यहाँ हम पड़े हुए ऊपर देखते हैं!
और वहां;वह ऊपर से देखता है?

मुकेश कुमार बड़गैयाँ”कृष्ण धर द्विवेदी

mukesh.badgaiyan30@gmail. Com

Language: Hindi
941 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कहानी- 'भूरा'
कहानी- 'भूरा'
Pratibhasharma
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
आदिम परंपराएं
आदिम परंपराएं
Shekhar Chandra Mitra
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
Phool gufran
कैसे अम्बर तक जाओगे
कैसे अम्बर तक जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"प्यार का रोग"
Pushpraj Anant
*मॉंगता सबसे क्षमा, रिपु-वृत्ति का अवसान हो (मुक्तक)*
*मॉंगता सबसे क्षमा, रिपु-वृत्ति का अवसान हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ऐ सुनो
ऐ सुनो
Anand Kumar
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
#एक_शेर
#एक_शेर
*Author प्रणय प्रभात*
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
Rj Anand Prajapati
जुदा होते हैं लोग ऐसे भी
जुदा होते हैं लोग ऐसे भी
Dr fauzia Naseem shad
शेर ग़ज़ल
शेर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आज के दिन छोटी सी पिंकू, मेरे घर में आई
आज के दिन छोटी सी पिंकू, मेरे घर में आई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वो अजनबी झोंका
वो अजनबी झोंका
Shyam Sundar Subramanian
घर पर घर
घर पर घर
Surinder blackpen
सजदे में सर झुका तो
सजदे में सर झुका तो
shabina. Naaz
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
SPK Sachin Lodhi
23/101.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/101.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समाज सेवक पुर्वज
समाज सेवक पुर्वज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
न मौत आती है ,न घुटता है दम
न मौत आती है ,न घुटता है दम
Shweta Soni
लेकर सांस उधार
लेकर सांस उधार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
The Digi Begs [The Online Beggars]
The Digi Begs [The Online Beggars]
AJAY AMITABH SUMAN
"जीवन"
Dr. Kishan tandon kranti
खून के रिश्ते
खून के रिश्ते
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गज़ल
गज़ल
Mahendra Narayan
कविता - 'टमाटर की गाथा
कविता - 'टमाटर की गाथा"
Anand Sharma
***कृष्णा ***
***कृष्णा ***
Kavita Chouhan
Loading...