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5 Aug 2017 · 1 min read

अग़र ना बोली तो…

अग़र ना बोली तेरी हरकतों पर तो मज़ाक समझ लोंगे,
मज़बूर हैं तेरे रिश्ते से तो घर का अख़बार समझ लोगें,
वो मुख़बधिर तक बन गयी तेरी हैवानियत पर भी,
औऱ तुम्हें दो अफ़साने दे दिए तो पराया समझ लोंगे।
–सीरवी प्रकाश पंवार

Language: Hindi
432 Views
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