Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2016 · 1 min read

अवधी रचना- सावन माँ मन भावन है.

सावन माँ मन भावन है, शिव डमरू से फूट रही रसधारा,
खेतन, बागन, मेडन मा, हरियाली लपेटे तयार है चारा,
गोरु बछेरू पशू औ परानी के साथे जवान सेवान है सारा,
धरती की छाती मा रोपै बदे करजोरि बोलावत धान बेचारा.

दामिनि दमकै नभ से भुई तक ओरौनी बहे जस मोट पनारा,
काली घटा घनघोर घिरी दिन ही मा देखाय परा है सितारा,
देह बुढान सयान भई, नस – नस मा बहे सिंगार की धारा,
दुइनौ परानी कै आँख लड़ी, फिर बंद भवा पूरी रात केवारा.

खटिया छोटवार अटारी लिहे,है ओनात किसान कै धीरज प्यारा,
अपनी चनरमा कै सोभा लखी, सुहुराई रजत पायजेब तुम्हारा,
बिजुरी बिन जब अंधियार परे,पट खोल करो मुख से उजियारा,
आज धना अस खेल करो, कि उठाये से हम ना उठी भिनसारा.

सेज पे रोज ही सोवत हौ, तन औ मन आज बिछाए है दारा,
कंता बिना सुस्ताये चलो, जब तक नभ मा चमके ध्रुव तारा,
मेल – मिलाप की बारिश मा, धरती ठंड्हाय बुझे अंगारा,
प्रेम – पयोधि के सागर मा, बूड़े उतराय जहान ई सारा.

Language: Hindi
Tag: गीत
626 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
😊😊😊
😊😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
तेरे संग ये जिंदगी बिताने का इरादा था।
तेरे संग ये जिंदगी बिताने का इरादा था।
Surinder blackpen
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
पूर्वार्थ
चुप्पी
चुप्पी
डी. के. निवातिया
गाय
गाय
Vedha Singh
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
शेखर सिंह
वो क्या गिरा
वो क्या गिरा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*गैरों सी! रह गई है यादें*
*गैरों सी! रह गई है यादें*
Harminder Kaur
'मौन अभिव्यक्ति'
'मौन अभिव्यक्ति'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
💐Prodigy Love-11💐
💐Prodigy Love-11💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
Dr Archana Gupta
जब आप ही सुनते नहीं तो कौन सुनेगा आपको
जब आप ही सुनते नहीं तो कौन सुनेगा आपको
DrLakshman Jha Parimal
हर तीखे मोड़ पर मन में एक सुगबुगाहट सी होती है। न जाने क्यों
हर तीखे मोड़ पर मन में एक सुगबुगाहट सी होती है। न जाने क्यों
Guru Mishra
झाँका जो इंसान में,
झाँका जो इंसान में,
sushil sarna
जो बेटी गर्भ में सोई...
जो बेटी गर्भ में सोई...
आकाश महेशपुरी
जब सांझ ढले तुम आती हो
जब सांझ ढले तुम आती हो
Dilip Kumar
*हर मरीज के भीतर समझो, बसे हुए भगवान हैं (गीत)*
*हर मरीज के भीतर समझो, बसे हुए भगवान हैं (गीत)*
Ravi Prakash
इमोशनल पोस्ट
इमोशनल पोस्ट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
SPK Sachin Lodhi
यह जिंदगी का सवाल है
यह जिंदगी का सवाल है
gurudeenverma198
कविता : याद
कविता : याद
Rajesh Kumar Arjun
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
ruby kumari
सरस्वती वंदना-3
सरस्वती वंदना-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
साहस है तो !
साहस है तो !
Ramswaroop Dinkar
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
शाह फैसल मुजफ्फराबादी
मिट्टी
मिट्टी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
फितरत
फितरत
Dr fauzia Naseem shad
ऐसे ही मुक़्क़मल करो अपने सारे ख्वाब✌🏻✌🏻
ऐसे ही मुक़्क़मल करो अपने सारे ख्वाब✌🏻✌🏻
Vaishaligoel
समय यात्रा संभावना -एक विचार
समय यात्रा संभावना -एक विचार
Shyam Sundar Subramanian
Loading...