Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2017 · 1 min read

“अनबुझी प्यास” (ग़ज़ल)

ग़ज़ल “अनबुझी प्यास”
बह्र 1222×4
काफ़िया-आ
रदीफ़- जाओ

छलकते जाम बन कर आप नयनों से पिला जाओ।
महकते ख़्वाब बन कर आप नींदों में समा जाओ।

धधक रिश्ते यहाँ नासूर बन कर देह से रिसते
दहकते ज़ख्म पर फिर नेह की मरहम लगा जाओ।

घटा घनघोर छाई है तरस अरमान कहते हैं
बरसते मेघ बन कर प्यास अधरों की बुझा जाओ।

भरी महफ़िल दिवाने जिस्म का सौदा किया करते
झनकते पाँव के घुँघरू बिखरने से बचा जाओ।

कहे रजनी सँभालूँ प्यार किश्तों में भला कब तक
खनकते दाम देकर आप किस्मत को सजा जाओ।

डॉ.रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका-साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी (मो.-9839664017)

Language: Hindi
1 Like · 311 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
विपरीत परिस्थितियों में भी तुरंत फैसला लेने की क्षमता ही सफल
विपरीत परिस्थितियों में भी तुरंत फैसला लेने की क्षमता ही सफल
Paras Nath Jha
गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक
गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक
SHASHANK TRIVEDI
दिल पर दस्तक
दिल पर दस्तक
Surinder blackpen
कलमी आजादी
कलमी आजादी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
gurudeenverma198
The sky longed for the earth, so the clouds set themselves free.
The sky longed for the earth, so the clouds set themselves free.
Manisha Manjari
हँसी
हँसी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दोहे- चरित्र
दोहे- चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
कवि दीपक बवेजा
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
डी. के. निवातिया
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
अनिल कुमार
जाने क्यूँ उसको सोचकर -
जाने क्यूँ उसको सोचकर -"गुप्तरत्न" भावनाओं के समन्दर में एहसास जो दिल को छु जाएँ
गुप्तरत्न
बेशक प्यार तुमसे था, है ,और शायद  हमेशा रहे।
बेशक प्यार तुमसे था, है ,और शायद हमेशा रहे।
Vishal babu (vishu)
मानव जीवन की बन यह पहचान
मानव जीवन की बन यह पहचान
भरत कुमार सोलंकी
"तलाश उसकी रखो"
Dr. Kishan tandon kranti
लेकर सांस उधार
लेकर सांस उधार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बहाना मिल जाए
बहाना मिल जाए
Srishty Bansal
2812. *पूर्णिका*
2812. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
pravin sharma
रूप तुम्हारा,  सच्चा सोना
रूप तुम्हारा, सच्चा सोना
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
Swami Ganganiya
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
कवि रमेशराज
22-दुनिया
22-दुनिया
Ajay Kumar Vimal
स्त्री न देवी है, न दासी है
स्त्री न देवी है, न दासी है
Manju Singh
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
Shweta Soni
क्रिसमस से नये साल तक धूम
क्रिसमस से नये साल तक धूम
Neeraj Agarwal
शहीद की पत्नी
शहीद की पत्नी
नन्दलाल सुथार "राही"
मैंने, निज मत का दान किया;
मैंने, निज मत का दान किया;
पंकज कुमार कर्ण
Loading...