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28 Feb 2017 · 1 min read

सरफिरे

बीच सफर में मै खुद को रोक दू कैसे।
सरफरो के हाथों जिंदगी सौंप दू कैसे ।।

वह मदहोस है मोहब्बत के जस्न मे,
अपने गम सुनाने के खातिर उसको टोक दू कैसे ।

जो खुद दरिया में डुब जाने से डरता है,
उसकी बात से दरिये मे खुद को झोक दू कैसे ।

वो धरती से खङे होकर सितारे गिनाता है,
पहुंच जाऊगा मै भी भरी महफिल मे सीना ठोक दू कैसे ।

मै कसम खा चुका कुछ कर गुजरने की,
किसी को देखकर खुद को रोक दू कैसे ।।

Language: Hindi
263 Views
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