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26 Sep 2016 · 1 min read

दुनिया से’ नहीं डरते जो प्यार किया करते

दो मुक्तक

दुनिया से’ नहीं डरते जो प्यार किया करते
वो हार यहाँ हँसकर स्वीकार किया करते
जब जख़्म मिला इसमें, सह लेते’ हैं’ चुप रहकर
पर दर्द नहीं अपना अखबार किया करते

रात का श्रृंगार करती चाँदनी है
और तारों की उढ़ाती ओढ़नी है
चाँद के सँग प्रीत की डोली सजा कर
गुनगुनाती लोरियों की रागिनी है
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
1 Comment · 543 Views
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