Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2017 · 3 min read

कसौटी प्रेम और विश्वास की….

तुमको न भूल पायेगें….
मित्रता विशेषण ही नहीं अपने आप में विशेष्य भी है महज कुछ शब्दों के क्रम में बाँधा नहीं जा सकता! रक्त के रिश्तेे से भी बड़ा रिश्ता है जीवन में इस अनोखी परिधि की दौड़ती-भागती वृत्ताकार आकृति में! शब्दों के संयोजन से सम्पूर्ण पुराण रचा जा सकता है वैसे ही मित्रता के उचित मापदण्डों के जरिए पूरा जीवन सुखमय बनाया जा सकता है! जीवन की प्रथम अवस्था में ही हर शिशु का माँ से लगाव वो लगाव एक मित्र की भाँति ही होता है थोड़े कदम आगे बढ़े सामाजिक स्तर पर इस रिश्ते की नींव पड़ जाती है मित्र कहने का मतलब जीवन में यारों की सूची बड़ी लम्बी हो जाती है जैसे बचपन के मित्र(लगोटिया यार), स्कूल के मित्र, कॉलेज के मित्र, यूनिवर्सिटी के मित्र, नौकरी में कार्यरत की अवस्था में मित्र! फेसबुकिया मित्र हर जगह मित्रों की सूची तैयार हो जाती है कहीं बाहर गये वहाँ पर भी यह रिश्ता झट बन जाता है!मित्र,साथी,संगी,मीत,बन्धु,सखा सब अपने में इष्ट हैं! ऐसे में बड़ी संख्या में मित्रों की सूची तैयार हो जाती है! परन्तु उनमें से सब आपके हितैषी ही नहीं कुछ आपकी टाँग खींचने वाले भी होते हैं जिन्हें हम जानते हुए भी अन्जान बने रहने का एहसास कराते हैं! छल-कपट, दिखावा, विश्वासघात, धोखा जितने भी पर्याय है सब मित्रता के ही हैं लेकिन एक सच्चे मित्र के मापदण्डों पर खरा उतरने वाला व्यक्ति ही सही अर्थों में मित्रता का पर्याय है! सुख, शकुन , चैन, हँसी, अपनापन सब मित्रता के ही पहलू हैं! मुसीबत की घड़ी में जो व्यक्ति आपका साथ न छोड़े सच्चे अर्थों में वही मित्रता के काबिल है! वरना दिखावे तो हर क्षण होते हैं मुँह के सामने कुछ पीठ पीछे बहुत कुछ! मित्रता के रिश्ते में जाने कितने हमारे विरोधी बन जाते हैं नामालूम कितनों का साथ छूटता है और कितने हर पल जुड़ने की प्रक्रिया में शामिल होते रहते हैं!बचपन में चोटी खींचने और चिकोटी काटन वाले मित्र होते थे और आज गला और चोटी काटने वाले मित्र तैयार हो गये हैं! कुछ तस्वीरें आज पटल पर मित्रों ने साझा की उन चित्रों से सच कुछ पल के लिए अतीत में वापस लौट सा गये थे भुलाये नहीं भुलते ऐसे मित्र जो रूह में बसते हैं ह्रदय की नाद-तन्त्रियों पर अपना अधिकार जमा लेते हैं!
पाश्चात्य संस्कृति ने हर रिश्ते के लिए एक दिन निर्धारित किया है अब आज के ही दिन देख लो तो पूरा मोबाइल मित्रता की चाशनी से डूबा हुआ मिलेगा! उसके बाद साल भर सन्नाटा फूटी आँख न देखने पाओ एक-दूसरे को! लेकिन आज रिश्ता जरूर निभाया जाया! जीवन के इन रंगों में एक सच्चे मित्र का होना जरूरी है जिससे हम अपनी बात को आसानी से कह सके अपना सुख और दुःख बाँट सके! विश्वास की कसौटी पर खरे उतरे एक दूसरे के प्रति! फेसबुक और असल ज़िन्दगी में बहुत सारे मित्रों का बनना हुआ जिसमें इस आभासी दुनियाँ से बहुत सारे ऐसे मित्र है जो विश्वास की पराकाष्ठा पर खरे उतरने में मिशाल बने! इस आभासी पटल पर भी बहुत स्नेह और प्रेम मिला! वास्तविक जीवन में भी मित्रों की कतार बहुत लम्बी है!दूर-दराज,देश-विदेश हर जगह मित्र मौजूद है जिनसे आज मिलना सम्भव नहीं लेकिन सोशल मीडिया और इण्टरनेट जैसे उपमानों के जरिये अब दूरियाँ दूरियाँ नहीं रह गयी हैं! लेकिन इस रिश्ते को शब्दों से कुछ भी कह पाना मुमकिन नहीं हैं! बस इतना ही कि यह रिश्ता जब तक विश्वास है तब तक कायम है!
अन्यथा टूटी हुई माला की मोतियों की तरह बिखरने वाला है! मित्र कोई भी हो सकता है आपके माँ-पिताजी,भाई-बहन, जीवनसाथी या कोई अन्य यह रिश्ता खुले जज्बातों का पुलिन्दा है!
आज मित्रता दिवस के अवसर पर सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएँ! आपका प्रेम और विश्वास हमेशा की तरह अनवरत बरकरार रहे!

शब्दों के संयोजन से कैसे
बाँटू तुम्हें!
उपमेय और उपमान की संज्ञा
से नवाजू तुम्हें!
विश्वास और प्रीत की डोर से
रिश्ता बँधा है!
सदियों से ले चला सदियों तक रहे
यही वरदान माँगू प्रभु से!
विपत्ति का जब भी तांडव
तुम हाथ थामो सदैव
खरे उतरो अपनी विशेषता पर
ऐसा “साथ” मित्र मानें तुम्हें……
तुम न हो तो महफिल सूनी लगे
तुम न हो तो साथ अधूरा लगे
तुम न हो तो नींद न पूरी हो
तुम न हो तो मन का शुकून अधूरा लगे!
बिछड़ भी जाए कभी
तो भी इस रिश्ते को जाने सभी!
.
शालिनी साहू
ऊँचाहार, रायबरेली(उ0प्र0)

Language: Hindi
Tag: लेख
580 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
Keshav kishor Kumar
अकाल काल नहीं करेगा भक्षण!
अकाल काल नहीं करेगा भक्षण!
Neelam Sharma
आमावश की रात में उड़ते जुगनू का प्रकाश पूर्णिमा की चाँदनी को
आमावश की रात में उड़ते जुगनू का प्रकाश पूर्णिमा की चाँदनी को
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
होली आयी होली आयी
होली आयी होली आयी
Rita Singh
जब से हैं तब से हम
जब से हैं तब से हम
Dr fauzia Naseem shad
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
पर्यावरण
पर्यावरण
Manu Vashistha
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
Ravi Prakash
दूर रहकर तो मैं भी किसी का हो जाऊं
दूर रहकर तो मैं भी किसी का हो जाऊं
डॉ. दीपक मेवाती
जला दो दीपक कर दो रौशनी
जला दो दीपक कर दो रौशनी
Sandeep Kumar
बोध
बोध
Dr.Pratibha Prakash
रिश्तो की कच्ची डोर
रिश्तो की कच्ची डोर
Harminder Kaur
देवतुल्य है भाई मेरा
देवतुल्य है भाई मेरा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
* हो जाता ओझल *
* हो जाता ओझल *
surenderpal vaidya
नीलेश
नीलेश
Dhriti Mishra
कर्जमाफी
कर्जमाफी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन
हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन
मनोज कर्ण
*** रेत समंदर के....!!! ***
*** रेत समंदर के....!!! ***
VEDANTA PATEL
जीवन और बांसुरी दोनों में होल है पर धुन पैदा कर सकते हैं कौन
जीवन और बांसुरी दोनों में होल है पर धुन पैदा कर सकते हैं कौन
Shashi kala vyas
सच का सूरज
सच का सूरज
Shekhar Chandra Mitra
👌ग़ज़ल :--
👌ग़ज़ल :--
*Author प्रणय प्रभात*
एक ही दिन में पढ़ लोगे
एक ही दिन में पढ़ लोगे
हिमांशु Kulshrestha
बंधे धागे प्रेम के तो
बंधे धागे प्रेम के तो
shabina. Naaz
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
💐प्रेम कौतुक-549💐
💐प्रेम कौतुक-549💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मन किसी ओर नहीं लगता है
मन किसी ओर नहीं लगता है
Shweta Soni
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
★साथ तेरा★
★साथ तेरा★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
ठोकर भी बहुत जरूरी है
ठोकर भी बहुत जरूरी है
Anil Mishra Prahari
Loading...