Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2017 · 1 min read

आदत से मजबूर

जल्दी से माने कहाँ,अपना कभी कसूर !
ऐसा ही है आदमी, .आदत से मजबूर!!

करते है आलोचना,…देते हैं उपदेश !
वोजब कर सकते नही,कुछ भीअगर रमेश!!

कौन करेगा आपकी,…. बातों पर विश्वास!
अगर जगाकर तोडदी, सहज किसी की आस!
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 406 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* मन कही *
* मन कही *
surenderpal vaidya
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
"छिन्दवाड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
काव्य
काव्य
साहित्य गौरव
मेवाडी पगड़ी की गाथा
मेवाडी पगड़ी की गाथा
Anil chobisa
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
दोहा - शीत
दोहा - शीत
sushil sarna
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ज्योति
सियाचिनी सैनिक
सियाचिनी सैनिक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
23/173.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/173.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिंदी गजल
हिंदी गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रावण का परामर्श
रावण का परामर्श
Dr. Harvinder Singh Bakshi
सीखने की भूख (Hunger of Learn)
सीखने की भूख (Hunger of Learn)
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
राम दर्शन
राम दर्शन
Shyam Sundar Subramanian
If.. I Will Become Careless,
If.. I Will Become Careless,
Ravi Betulwala
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
Vinod Patel
💐प्रेम कौतुक-160💐
💐प्रेम कौतुक-160💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
Dheerja Sharma
तेज़
तेज़
Sanjay ' शून्य'
****प्रेम सागर****
****प्रेम सागर****
Kavita Chouhan
बाबुल का घर तू छोड़ चली
बाबुल का घर तू छोड़ चली
gurudeenverma198
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
Shreedhar
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
Rajesh vyas
एक ख्वाब
एक ख्वाब
Ravi Maurya
षड्यंत्रों वाली मंशा पर वार हुआ है पहली बार।
षड्यंत्रों वाली मंशा पर वार हुआ है पहली बार।
*Author प्रणय प्रभात*
*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*
*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
’बज्जिका’ लोकभाषा पर एक परिचयात्मक आलेख / DR. MUSAFIR BAITHA
’बज्जिका’ लोकभाषा पर एक परिचयात्मक आलेख / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
SATPAL CHAUHAN
Loading...