Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2021 · 1 min read

“भाई”

जब तू संग है ,
तो कहाँ जंग है।
मेरा दुश्मन तो ,
मेरा हौसला देखकर ही दंग है
और वो कहाँ झेल पायेगा ,
तेरे चेहरे की चमक
मेरा दुश्मन तो मुझसे ही तंग है।।

मनीष कुमार

Language: Hindi
5 Likes · 3 Comments · 413 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सम्बोधन
सम्बोधन
NAVNEET SINGH
4632.*पूर्णिका*
4632.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक – रेल्वे फाटक
शीर्षक – रेल्वे फाटक
Sonam Puneet Dubey
अच्छे मित्र,अच्छे रिश्तेदार और
अच्छे मित्र,अच्छे रिश्तेदार और
Ranjeet kumar patre
एक धर्म इंसानियत
एक धर्म इंसानियत
लक्ष्मी सिंह
वाणी
वाणी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
HAPPY CHILDREN'S DAY!!
HAPPY CHILDREN'S DAY!!
Srishty Bansal
रंगों के रंगमंच पर हमें अपना बनाना हैं।
रंगों के रंगमंच पर हमें अपना बनाना हैं।
Neeraj Agarwal
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
रमेशराज की 11 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
..
..
*प्रणय*
- आजकल -
- आजकल -
bharat gehlot
2.नियत या  नियती
2.नियत या  नियती
Lalni Bhardwaj
महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय
महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय
Indu Singh
घबराना हिम्मत को दबाना है।
घबराना हिम्मत को दबाना है।
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ख्वाहिशों के बैंलेस को
ख्वाहिशों के बैंलेस को
Sunil Maheshwari
मातम
मातम
D.N. Jha
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन
ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन
उमा झा
"दिल की किताब"
Dr. Kishan tandon kranti
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जीने का हक़!
जीने का हक़!
कविता झा ‘गीत’
नारी
नारी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मौत का डर
मौत का डर
अनिल "आदर्श"
मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट संग होली
Dinesh Kumar Gangwar
इंसान एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त थे
इंसान एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त थे
ruby kumari
वहशीपन का शिकार होती मानवता
वहशीपन का शिकार होती मानवता
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*Flying Charms*
*Flying Charms*
Poonam Matia
प्रेम हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
प्रेम हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
Ravikesh Jha
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
Er.Navaneet R Shandily
आज के युग में
आज के युग में "प्रेम" और "प्यार" के बीच सूक्ष्म लेकिन गहरा अ
पूर्वार्थ
Loading...