कसक ……
वो सर्वोच्च है मेरा सहारा सर्वोच्च है
ऐसा ही भान पल रहा था जनता में
खम्बा जिस पर न्याय महल टिका हो
दरख गया विश्वास वो दरार देखकर
भ्रष्टा और चम्माच चोरों की चल पड़ी
न्याय उनके आगे ही गुहार लगा रहा
मेरे इस देश में कैसी बयार चल रही
क्या वाकई देश मौलिकता बदल रहा
माली कौनसी रासायनिक खाद दे रहा
आम का पेड़ ही फल में धतूरे दे रहा
क्यों ऐसा हो रहा क्यों ऐसा चल रहा
पूजा घरों से ही भगवान क्यों रूठ रहा
लक्ष्मण सिंह