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15 Aug 2023 · 1 min read

Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar

Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Ghumte hai hum,
Ye jante hue bhi , ki wakt ko kaid nhi kiya
Ja sakta.
Kash-ma-kash me khuch lamhe chura kar
Fir bhi khab bunte hai hum,
Ye jante hue bhi , ki wakt ko kaid nhi kiya
Ja sakta

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