Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2024 · 1 min read

we were that excited growing up. we were once excited.

we were that excited growing up. we were once excited.
the thought of buying things we once prayed for with our own money. living our dream house. traveling to places we have never been to. riding in our dream car, and the list goes on and on motivate us.
but we’re here now—we’ve gone far but not enough. we have realized things would never be that easy. that it takes so much courage and energy to actually live them. it’s draining, disappointing, exhausting somehow to catch up every missed train and catch every rain drop.
now we prayed to go back to days when things were a little less hard for us—days when we had much fun, we had much memorable moments and days when we enjoyed the little tiny ones with a genuine smile in our hearts.
cheers to us who chose to continue braving, risking and taking steps further.
a pat on your shoulder—we’ll get there one day

162 Views

You may also like these posts

Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
" शबाब "
Dr. Kishan tandon kranti
*हैं जिनके पास अपने*,
*हैं जिनके पास अपने*,
Rituraj shivem verma
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
Sandeep Thakur
life edge
life edge
पूर्वार्थ
छोड़ आलस
छोड़ आलस
Sukeshini Budhawne
बेटी दिवस मनाने का लाभ तभी है ,
बेटी दिवस मनाने का लाभ तभी है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरे जीवन में फूल-फूल,
मेरे जीवन में फूल-फूल,
हिमांशु Kulshrestha
4047.💐 *पूर्णिका* 💐
4047.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
All good
All good
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बेटी
बेटी
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
ममता
ममता
Rambali Mishra
विडम्बना
विडम्बना
आशा शैली
अजीब लड़की
अजीब लड़की
Kshma Urmila
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
राना लिधौरी के बुंदेली दोहे बिषय-खिलकट (झिक्की)
राना लिधौरी के बुंदेली दोहे बिषय-खिलकट (झिक्की)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अनमोल रतन
अनमोल रतन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
बंद पंछी
बंद पंछी
लक्ष्मी सिंह
गिलहरी
गिलहरी
Kanchan Khanna
अगले बरस जल्दी आना
अगले बरस जल्दी आना
Kavita Chouhan
जय जय राजस्थान
जय जय राजस्थान
Ravi Yadav
.........
.........
शेखर सिंह
कविता -आओ संकल्प करें
कविता -आओ संकल्प करें
पूनम दीक्षित
अशोक पुष्प मंजरी घनाक्षरी
अशोक पुष्प मंजरी घनाक्षरी
guru saxena
जब कभी परछाई का कद
जब कभी परछाई का कद
Manoj Shrivastava
वैश्विक खतरे के बदलते स्वरूप में भारत की तैयारी
वैश्विक खतरे के बदलते स्वरूप में भारत की तैयारी
Sudhir srivastava
गीता हो या मानस
गीता हो या मानस
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
इतना गुरुर न किया कर
इतना गुरुर न किया कर
Keshav kishor Kumar
एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से
एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से
गुमनाम 'बाबा'
राम कहने से तर जाएगा
राम कहने से तर जाएगा
Vishnu Prasad 'panchotiya'
Loading...