विनोद सिल्ला के दोहे
विनोद सिल्ला के दोहे
शमशान सब भरे पड़े, पंक्तिबद्ध हैं लाश|
नेता व्यस्त चुनाव में, किससे करिए आस||
अपना बचाव आप कर, अपनी ही है जान|
कोरोना घातक बड़ा, खतरे को पहचान||
खतरा दस्तक दे रहा, अपना करो बचाव|
कोरोना का रोग है, बैठा लाए दाव||
हालात भयावह हुए, तंत्र-मंत्र खामोश|
जीवनदायी उपकरण, भूल गए हैं होश||
-विनोद सिल्ला©