Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Sep 2023 · 1 min read

Three handfuls of rice

Three handfuls of rice
To have a friendship like Shri Krishna and Sudama is almost impossible in this era.

To become wealthy by giving three handfuls of rice Vadale (a type of dish) to his friend Sudama and transforming a poor person into a rich one, is possible only for Lord Shri Krishna.

To turn his humble cottage into a palace is possible.

To make Goddess Rukmani turn her youth into everlasting beauty is an impossible task made possible.

To save anyone who seeks their refuge from the ocean of worldly existence is possible.

Even Meera drank the cup of poison, trusting them, and then found fulfillment within herself, for Shri Krishna.

To make Sudama wealthy by giving him three handfuls of rice is possible only for Lord Shri Krishna.

Kartik Nitin Sharma

329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वतन-ए-इश्क़
वतन-ए-इश्क़
Neelam Sharma
3916.💐 *पूर्णिका* 💐
3916.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आंखन तिमिर बढ़ा,
आंखन तिमिर बढ़ा,
Mahender Singh
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
Keshav kishor Kumar
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
DrLakshman Jha Parimal
"हूक"
Dr. Kishan tandon kranti
आगे का सफर
आगे का सफर
Shashi Mahajan
वादे निभाने की हिम्मत नहीं है यहां हर किसी में,
वादे निभाने की हिम्मत नहीं है यहां हर किसी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
Preksha mehta
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भाग गए रणछोड़ सभी, देख अभी तक खड़ा हूँ मैं
भाग गए रणछोड़ सभी, देख अभी तक खड़ा हूँ मैं
पूर्वार्थ
संस्कारों को भूल रहे हैं
संस्कारों को भूल रहे हैं
VINOD CHAUHAN
जवाला
जवाला
भरत कुमार सोलंकी
#क्या सिला दिया
#क्या सिला दिया
Radheshyam Khatik
सुनील गावस्कर
सुनील गावस्कर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हे राम हृदय में आ जाओ
हे राम हृदय में आ जाओ
Saraswati Bajpai
!! आशा जनि करिहऽ !!
!! आशा जनि करिहऽ !!
Chunnu Lal Gupta
दोहा छंद
दोहा छंद
Seema Garg
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
अब तुझे रोने न दूँगा।
अब तुझे रोने न दूँगा।
Anil Mishra Prahari
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
singh kunwar sarvendra vikram
संगठन
संगठन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Window Seat
Window Seat
R. H. SRIDEVI
पंचांग (कैलेंडर)
पंचांग (कैलेंडर)
Dr. Vaishali Verma
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
Santosh kumar Miri
ग़ज़ल _ मुहब्बत से भरे प्याले , लबालब लब पे आये है !
ग़ज़ल _ मुहब्बत से भरे प्याले , लबालब लब पे आये है !
Neelofar Khan
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
..
..
*प्रणय*
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
PRADYUMNA AROTHIYA
Loading...