Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

The Misfit…

Amidst the crowd
Alone I stand,
Just like a visitor
In a foreign land.

Their bonds are tight
But I feel left out,
As a complete stranger
Filled with doubt.

Their laughter sounds
Like a delicate song,
But in their melody
I don’t belong.

I look for a place
Longing to find,
A sanctuary for my
Wandering mind.

Language: English
10 Likes · 4 Comments · 1004 Views
Books from R. H. SRIDEVI
View all

You may also like these posts

* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
*कुंडलिया छंद*
*कुंडलिया छंद*
आर.एस. 'प्रीतम'
पता नहीं किसी को कैसी चेतना कब आ जाए,
पता नहीं किसी को कैसी चेतना कब आ जाए,
Ajit Kumar "Karn"
वो दिन भी क्या दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
डॉ. एकान्त नेगी
गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
पंकज कुमार कर्ण
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अपना सफ़र है
अपना सफ़र है
Surinder blackpen
उपकार माईया का
उपकार माईया का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भयंकर शायरी
भयंकर शायरी
Rituraj shivem verma
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
*प्रणय*
इठलाते गम पता नहीं क्यों मुझे और मेरी जिंदगी को ठेस पहुचाने
इठलाते गम पता नहीं क्यों मुझे और मेरी जिंदगी को ठेस पहुचाने
Chaahat
शिव ही सत्य
शिव ही सत्य
Rajesh Kumar Kaurav
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
4805.*पूर्णिका*
4805.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक झलक मिलती
एक झलक मिलती
Mahender Singh
नये अमीर हो तुम
नये अमीर हो तुम
Shivkumar Bilagrami
अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳
अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳
Madhuri Markandy
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
manjula chauhan
मोक्ष
मोक्ष
Pratibha Pandey
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
अविश्वास क्यों?
अविश्वास क्यों?
Sudhir srivastava
कभी ताना कभी तारीफ मिलती है
कभी ताना कभी तारीफ मिलती है
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
राम मंदिर की सुंदरता
राम मंदिर की सुंदरता
Rahul Singh
*करो योग-व्यायाम, दाल-रोटी नित खाओ (कुंडलिया)*
*करो योग-व्यायाम, दाल-रोटी नित खाओ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
संज्ञा गीत
संज्ञा गीत
Jyoti Pathak
"मोबाइल फोन"
Dr. Kishan tandon kranti
Shankarlal Dwivedi reciting his verses in a Kavi sammelan.
Shankarlal Dwivedi reciting his verses in a Kavi sammelan.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
प्रेम ओर जीवन
प्रेम ओर जीवन
पूर्वार्थ
Loading...