Posts Tag: Writing Challenge 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 22 May 2024 · 1 min read अभिव्यक्ति उर भावना अनुभूतियों का भान होता है, अभिव्यक्त कर पाना कहाँ आसान होता है । संवेदनाएं भावनाएं मूकदर्शक बन, आधात सहते पथ पथिक नादान होता है। संवाद सुन अंतर छुपा... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 3 1 244 Share लक्ष्मी सिंह 22 May 2024 · 1 min read फकीरी/दीवानों की हस्ती अलग रंग है अलग ढ़ंग है, दीवानों की हस्ती में। जिन्दादिली से ज़िंदगी हम, काट रहें हैं मस्ती में। हुआ मुक्त सारे बंधन से,पर हित में अर्पित जीवन, समय सहारे... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 3 1 262 Share लक्ष्मी सिंह 22 May 2024 · 1 min read रोटी एक रोटी फूल-सी, फूली हुई जो आग। आग में जिसको पकाने, से लगे कुछ दाग। एक रोटी गोल, थाली से रही है झाँक। चाँद-सी सूरत सलोनी, पर दिये तिल टाँक।... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 4 2 270 Share लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read तुम प्रेम सदा सबसे करना । तुम प्रेम सदा सबसे करना । मत द्वेष कभी मन में रखना। हम तो प्रभु के प्रिय बालक हैं। प्रभु ही सब के प्रति पालक हैं। सब में भगवान सदा... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 4 1 285 Share लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read चलो चलें कश्मीर घूमने चलो चलें कश्मीर घूमने, शिमला नैनीताल नहीं। इस धरती का स्वर्गं यहीँ है, इसकी कहीं मिसाल नहीं। शांत सुखद बर्फीली घाटी,लगे देव की मूरत है। जहाँ फिजा में प्रेम घुला... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 282 Share लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read राह कोई नयी-सी बनाते चलो। राह कोई नयी-सी बनाते चलो। दूरियाँ मंजिलों की मिटाते चलो। जिंदगी में खुशी के कभी फूल हैं। तो कभी कष्टदायी कई शूल हैं। शूल को भी गले से लगाते चलो।... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 1 218 Share लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read कोरोना विकट है कोरोना का ज्वार| मचा है जग में हाहाकार|| सभी के संकट में है प्राण| नहीं मिलता है इससे त्राण| वाइरस का ऐसा संचार| मचा है जग में हाहाकार||... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 222 Share लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read अतिथि अतिथि बनकर आये भगवान, करें हम अभिनंदन, गुणगान| सुमन भावों का करती दान, नहीं इससे बढ़कर अनुदान | पधारे हैं यहाँ मेहमान, बनाईं मीठा-सा पकवान| सभी मिलजुल करिये जलपान, नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 239 Share लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read कठिनाइयाँ डरा रही है कठिनाइयाँ डरा रही है मत पिघला चट्टान को। काँप उठा फिर गगन रोके ना कोई अरमान को। रूकना ही नहीं, थकना ही नहीं, झुकना ही नहीं, अभी और हवा देगे... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 220 Share लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read शब्द रंगोंली गम खुशियों की खेले होली। शब्दों से बनती रंगोली। कभी हृदय में शूल चुभातें , कभी कर्ण में मिश्री घोली। अंतर मन को छलनी कर दे, जब चलती शब्दों की... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 254 Share Page 1 Next