Posts Tag: Writing Challenge 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read जनता कर्फ्यू रोग भयानक कोरोना का, मचा रहा जग में उत्पात| त्राहि-त्राहि है जनमानस में, बिगड़े है सबके हालात| मंदिर-मस्जिद चर्च दुकानें, बंद हुए सारे बाज़ार, विद्यालय, कॉलेज,सब ऑफिस,बंद सभी हैं यातायात|... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 225 Share लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read समय/काल लौट कर आता नहीं है काल। ये नहीं ठहरा न बदली चाल। वक्त होता है बड़ा बलवान, खींच लेता ये सभी की खाल। घूमता है चक्र करता न्याय, कर्म के... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 256 Share लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read दीप ऐसा जले दीप ऐसा जले हर तरफ ज्ञान का। दूर हो कष्ट हर एक इंसान का। स्वर्ग भी सिर झुकाता रहा है वहाँ, भावना नित्य रहता जहाँ दान का। प्रेम से है... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 242 Share लक्ष्मी सिंह 8 May 2024 · 1 min read रखो भावना श्रेष्ठ रखो भावना श्रेष्ठ, मनुज व्यवहार का । करो हमेशा कर्म,जगत उपकार का।। करो सदा सहयोग,जरूरत मंद का, हाथ थामना दीन,दुखी लाचार का।। जला ज्ञान का दीप,अँधेरा दूर कर, मिट जायेगा... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 238 Share लक्ष्मी सिंह 7 May 2024 · 1 min read पूर्ण विराग। माया ममता मोह मद,सभी सुखों को त्याग । वही कृष्ण बनता मनुज, जिसमें पूर्ण विराग। पग में बंधन मोह का,और सत्य की प्यास, फँसा हुआ कुरुक्षेत्र में,खेल रहा है फाग... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 1 181 Share लक्ष्मी सिंह 7 May 2024 · 1 min read आज खुशी भर जीवन में। दुखमय जीवन को बहला कर, आज खुशी भर जीवन में। क्षण भर आहत विश्व हँसा कर, पुष्प खिला अपने मन में। पल-पल स्वप्न भरें पलकों पर, झूल रहे सुख सागर... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 1 1 171 Share लक्ष्मी सिंह 7 May 2024 · 1 min read जिन्दगी से प्यार करना। जिन्दगी से प्यार करना। मन न मैला यार करना। प्रीत का श्रृंगार करना। हर दिवस त्योहार करना। स्वर्ग-सा संसार करना। सत्य का जयकार करना झूठ का प्रतिकार करना। शुद्ध निज... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 2 180 Share लक्ष्मी सिंह 7 May 2024 · 1 min read मर्यादा मर्यादा में जीवन जीना,जीवन शोभायमान है। बिम्बित हो मानस अंबर में,नव किरण स्वर्ण समान है। संयम,नित्य-नियम अपनाता, जो खुद पर रखता वश है। युगों-युगों तक याद करें जग, चहुँ दिश... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 1 199 Share लक्ष्मी सिंह 7 May 2024 · 1 min read मानवता मानव जन्म मिला है हमको, मानवता अपनाना है। देवों को दुर्लभ काया से, कुछ तो लाभ उठाना है। जो है जग में दीन-हीन अति,दुख से हो जिसका नाता । दुखी,पतित,पीड़ित,अनाथ... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 2 231 Share लक्ष्मी सिंह 7 May 2024 · 1 min read ख्वाब उसी के पूरे होते ख्वाब उसी के पूरे होते, जो श्रम को अपनाता है। गगन नापने की खातिर निज, पंखों को फैलाता है। बहुत कीमती सपने सारे, कीमत जिसने जानी है। चीर दिया पत्थर... Poetry Writing Challenge-3 · Writing Challenge 3 196 Share Previous Page 2 Next