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कौन कहता है कि "घुटनों में अक़्ल नहीं होती।"
*प्रणय प्रभात*
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*प्रणय प्रभात*
तुमसे मिलने पर खुशियां मिलीं थीं,
अर्चना मुकेश मेहता
*योग दिवस है विश्व में, इक्किस जून महान (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
अगर आपको किसी से कोई समस्या नहीं है तो इसमें कोई समस्या ही न
Sonam Puneet Dubey
ये कलयुग है ,साहब यहां कसम खाने
Ranjeet kumar patre
मुक्तक – एक धर्म युद्ध
Sonam Puneet Dubey
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
Sonam Puneet Dubey
हकीकत मोहब्बत की
हिमांशु Kulshrestha
जिसका हक है उसका हक़दार कहां मिलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या ख़ाक खुशी मिलती है मतलबी ज़माने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़रूरी नहीं के मोहब्बत में हर कोई शायर बन जाए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"उजाले के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
सब व्यस्त हैं जानवर और जातिवाद बचाने में
अर्चना मुकेश मेहता
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
योग करें निरोग रहें
Shashi kala vyas
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
SPK Sachin Lodhi
घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
3565.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🙅अजब-ग़ज़ब🙅
*प्रणय प्रभात*
मुक्तक – रिश्ते नाते
Sonam Puneet Dubey
3564.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"भेड़ों के झुंड" और "भाड़े की भीड़" में एकमात्र अंतर यह है कि भ
*प्रणय प्रभात*
एक कुंडलियां छंद-
Vijay kumar Pandey
3563.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
Suryakant Dwivedi
अब मज़े बाक़ी कहाँ इंसानियत के वास्ते।
*प्रणय प्रभात*
*जिंदगी*
नेताम आर सी
"इस जीवन-रूपी चंदन पर, कितने विषधर लिपट गए।
*प्रणय प्रभात*
पेपर लीक हो रहे ऐसे
Dhirendra Singh
इन आंखों में तुम्हारी तस्वीर इस क़दर कैद है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हो तुम किस ख्यालों में डूबे।
Rj Anand Prajapati
एक पति पत्नी के संयोग से ही एक नए रिश्ते का जन्म होता है और
Rj Anand Prajapati
आप जीवित इसलिए नही है की आपको एक दिन मरना है बल्कि आपको यह ज
Rj Anand Prajapati
आपसे कोई लड़की मोहब्बत नही करती बल्की अपने अंदर अंतर्निहित व
Rj Anand Prajapati
वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर
Rj Anand Prajapati
दुःख पहाड़ जैसे हों
Sonam Puneet Dubey
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलो दोनों के पास अपना अपना मसला है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
है अजब सा माहौल शहर का इस तपिश में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
Sonam Puneet Dubey
दुःख पहाड़ जैसे हों
Sonam Puneet Dubey
गुज़रते हैं
हिमांशु Kulshrestha
भइया
गौरव बाबा
🙅बेमेल जोड़ी🙅
*प्रणय प्रभात*
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*प्रणय प्रभात*
तूझे भी अब मेरी लत जो लग गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर से निकले जो मंज़िल की ओर बढ़ चले हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मृगनयनी सी आंखों में मेरी सूरत बसा लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"