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Tag: Hindi Poem
18 posts
क्यों करूँ नफरत मैं इस अंधेरी रात से।
क्यों करूँ नफरत मैं इस अंधेरी रात से।
Manisha Manjari
ठोकरों ने गिराया ऐसा, कि चलना सीखा दिया।
ठोकरों ने गिराया ऐसा, कि चलना सीखा दिया।
Manisha Manjari
असफ़लताओं के गाँव में, कोशिशों का कारवां सफ़ल होता है।
असफ़लताओं के गाँव में, कोशिशों का कारवां सफ़ल होता है।
Manisha Manjari
कुछ बारिशें बंजर लेकर आती हैं।
कुछ बारिशें बंजर लेकर आती हैं।
Manisha Manjari
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
Manisha Manjari
आंधियां आती हैं सबके हिस्से में, ये तथ्य तू कैसे भुलाता है?
आंधियां आती हैं सबके हिस्से में, ये तथ्य तू कैसे भुलाता है?
Manisha Manjari
सागर ने लहरों से की है ये शिकायत।
सागर ने लहरों से की है ये शिकायत।
Manisha Manjari
धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं।
धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं।
Manisha Manjari
ये ज़िन्दगी जाने क्यों ऐसी सज़ा देती है।
ये ज़िन्दगी जाने क्यों ऐसी सज़ा देती है।
Manisha Manjari
जीवन क्षणभंगुरता का मर्म समझने में निकल जाती है।
जीवन क्षणभंगुरता का मर्म समझने में निकल जाती है।
Manisha Manjari
रेत पर नाम लिख मैं इरादों को सहला आयी।
रेत पर नाम लिख मैं इरादों को सहला आयी।
Manisha Manjari
अंधेरी रातों से अपनी रौशनी पाई है।
अंधेरी रातों से अपनी रौशनी पाई है।
Manisha Manjari
घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है।
घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है।
Manisha Manjari
अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं।
अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं।
Manisha Manjari
जब हवाएँ तेरे शहर से होकर आती हैं।
जब हवाएँ तेरे शहर से होकर आती हैं।
Manisha Manjari
खामोशियों ने हीं शब्दों से संवारा है मुझे।
खामोशियों ने हीं शब्दों से संवारा है मुझे।
Manisha Manjari
गंतव्यों पर पहुँच कर भी, यात्रा उसकी नहीं थमती है।
गंतव्यों पर पहुँच कर भी, यात्रा उसकी नहीं थमती है।
Manisha Manjari
ये अनुभवों की उपलब्धियां हीं तो, ज़िंदगी को सजातीं हैं।
ये अनुभवों की उपलब्धियां हीं तो, ज़िंदगी को सजातीं हैं।
Manisha Manjari
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