Posts Tag: Ashantlekhani 106 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid 'अशांत' शेखर 17 May 2023 · 1 min read ना आप.. ना मैं... कई अर्से तक अपने आप को टालते रहा.. अपने आप से छुपते रहा मैं... और एक दिन आईने से मुलाक़ात हो गयी मेरी... अब मैं अपने आपको जानने लगा हूँ... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 3 2 266 Share 'अशांत' शेखर 17 May 2023 · 1 min read वो इँसा... वो इँसा लहलहाती कड़ी धूप को पीठ पे लादकर नंगे पाँव निकलता है अपने बच्चो के लिए घर में जरासा शाम का उजाला लाने के वास्ते..! वो इँसा सभी मौसम... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 1 209 Share 'अशांत' शेखर 15 May 2023 · 1 min read हमेशा..!! तस्वीरें बोलती तो है जरूर.. मगर वो अपनी कमियां नही बताती.. तस्वीरों में हम सब कभी ना कभी क़ैद हो जाते है... तस्वीरों को गौर से देखने पर कोई किसी... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 228 Share 'अशांत' शेखर 14 May 2023 · 1 min read वो भी तन्हा रहता है मैं एक दरिया सा बहता रहा किसीं असीमित विशाल समुंदर की आस में मगर समुंदर भी तन्हा था रात में बिलकुल अकेला.. कोई नहीं था पास में महान व्यक्तित्व के... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 146 Share 'अशांत' शेखर 6 Feb 2023 · 1 min read ⚪️ रास्तो को जरासा तू सुलझा भीतर है मेरे एक घना अँधेरा कुँवा शायद मेरी ही कमी से वो गहरा हुँवा रोजाना कुछ रोशनी खिंच लाता हूँ चार दिवारी में थोड़ी सी बाँट लेता हूँ कभी... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 2 173 Share 'अशांत' शेखर 12 Jan 2023 · 1 min read ✍️खाली और भरी जेबे... जिनकी जेबे खाली की खाली रह गयी वो मुझे बुरा कहते है और जिनकी जेबे भर गयी थी वो सिर्फ उनके तसल्ली के लिए मुझे बुरा समझते है हाँ मैं... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 3 282 Share 'अशांत' शेखर 10 Jan 2023 · 1 min read ✍️ इंसान सिखता जरूर है...! असंभव तो वो है जिसकी हमने कभी कल्पना नही की है...! संभव तो वो सभी है जिसकी हमने बगैर पर्वा किये शुरुवात की है...! बाकि अच्छा हो या बुरा अनुभव... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 8 145 Share 'अशांत' शेखर 31 Dec 2022 · 1 min read ✍️ हर बदलते साल की तरह...! तारीखे साल दर साल उम्र के पन्ने पलटते रहती है माह हर माह जीवन के आंकडो की श्रृंखला बदलते रहती है दिन प्रति दिन समय के साँसों की घडी टिक... Hindi · Ashantlekhani · कविता 2 3 195 Share 'अशांत' शेखर 17 Dec 2022 · 1 min read ✍️सियासत का है कारोबार इस कायनात में कई रंग है हजार चंद रंगों के लिए ये कौन है बेज़ार..? धर्म के नाम पर रंगों का ये बाज़ार और जेहन में सियासत का है कारोबार... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 4 173 Share 'अशांत' शेखर 6 Dec 2022 · 1 min read ✍️महामानव को कोटि कोटि प्रणाम खुद बुलंदी भी उनको छुना पायी वो शख़्स इस सरजमी का था आसमान कमाल का बेमिसाल होगा वो अज़ीम जिनकी कलम से निर्माण हुवा ये संविधान ………………………………………………………………// ©✍️ - 'अशांत'... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 1 149 Share 'अशांत' शेखर 6 Dec 2022 · 1 min read ✍️क्रांतिउर्जा के क्रांतिसूर्य सदियों के घने अंधरो की सख़्त दीवारों को फाड़कर निकला था उसकी आँखों से आफ़ताब की रोशनी का एक बवंडर.. कफ़स में पड़े मुर्दा ज़िस्म उठकर खड़े हुए मानो साँस... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 1 386 Share 'अशांत' शेखर 1 Dec 2022 · 1 min read ✍️रवीश जी के लिए... कल तुम्हारे अल्फाज़ो के ज़खीरे को आखिर सौदागर ने लुट लिया.. वो नकाबपोश बहुत ताकतवर है (?) चलो जनता का ये वहम तो टूट गया.. …………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 01/12/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 168 Share 'अशांत' शेखर 29 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ दबी अनकही सी बात कुछ थी बातें मैं धीरे धीरे मोम सा पिघल गया उस अँधेरे में रोशनी के लिए शमा सा जल गया रोज मिलते रहे शहर में शहद की जुबाँ के लोग... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 1 1 386 Share 'अशांत' शेखर 28 Nov 2022 · 1 min read ✍️यादों के पलाश में .. मुद्दते गुजरी है मुझे मेरी ही तलाश में मैं कही जिंदा तो नही हूँ मेरी लाश में? जेहन में तो सवालो पर सवाल खड़े है यूँ जवाब लड़खड़ा रहे है... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 170 Share 'अशांत' शेखर 23 Nov 2022 · 1 min read ✍️साहस उठने से ज्यादा तकलीफ़देह है गिरना और भी मुश्किल है गिरते हुए को संभालना उठ नही पाया तो वह जिंदा रह सकता है गिरनेवाला बच जाये ये उसकी किस्मत है... Hindi · Ashantlekhani · कविता 2 2 237 Share 'अशांत' शेखर 22 Nov 2022 · 1 min read ✍️ 'कामयाबी' के लिए... 'कामयाबी' के लिए... 'आत्मविश्वास' की जरुरत होती है आत्मविश्वास के लिए 'सच्चाई' की जरुरत होती है सच्चाई के लिए 'निडरता' की जरुरत होती है निडरता के लिए 'शिक्षा तथा ज्ञान'... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 2 188 Share 'अशांत' शेखर 19 Nov 2022 · 1 min read ✍️गहरी साजिशें कभी मेरे कंधों पर चढ़कर वो छूना चाहते थे आसमाँ को.. ये साजिशें देखो उनकी गहरी मुझे ही गिरा रहे है मेरी ज़मी पे.. ………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 19/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 162 Share 'अशांत' शेखर 19 Nov 2022 · 1 min read ✍️फिर वही आ गये... सफर में हम रास्तों से धोखा खा गये शुरू जहाँ से हुए थे फिर वही आ गये इस कदर मंझिलो से राहें भटक गयी.. चले जो कदम लौटकर वापस आ... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 2 244 Share 'अशांत' शेखर 17 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : घर चार दीवारे और एक छत का मतलब घर नही होता आप पूछ सकते हो माँ पिता से जिनकी उम्र घट जाती है ईंट पत्थर इकट्ठा करने में... जिनकी खुशियाँ मिट... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 4 202 Share 'अशांत' शेखर 16 Nov 2022 · 1 min read ✍️वास्तव.... आप ढूँढ रहे हो आसमाँ में दूसरी परजीवी दुनिया को और यहाँ आदमी की नस्ल को बाँट रखा है धर्म,जाती,भाषा और प्रांतो में..! हमने सुना था आपकी कल्पनाओं की लाखो... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 206 Share 'अशांत' शेखर 16 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : समय समय चलता है साथ साथ जब आप उसके अनुकूल रास्तो पर चलते रहते है मगर आपका कोई कदम समय के विपरीत रास्तो पर पड़ जाये तो वो भी तुरंत अपना... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 3 215 Share 'अशांत' शेखर 13 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : सम्मान जब व्यक्तित्व से आपका कर्तुत्व बड़ा बन जाता है तब आपके सम्मान में दुनिया का सर झुक जाता है जब आपका हाथ किसी के दुःख दर्द का साथ निभाता है... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 4 2 169 Share 'अशांत' शेखर 12 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : जल कुदरत की अनमोल देन जल है वो महान थे जिन्होंने विश्व में पहली जलक्रांति के विचार को छेड़ा के हर जिव पशु पक्षी और मानव का जल पर समान अधिकार... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 6 2 261 Share 'अशांत' शेखर 11 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : कला जिंदगी के रंगमंच पर इंसान अपनी विविध कलाओ से तो जिंदा है... इंसान ने अज़ीब सी कलाओ में महारत हासिल की है... जानवरो के स्वभाव की कलाओ का भी इंसान... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 3 2 198 Share 'अशांत' शेखर 10 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge: त्याग मानव के इंसानियत का परमोच्च शिखर है त्याग... असीम प्रेम को त्यागकर खुद पुर्णता बिखर जाना... और किसी दूसरे को सँवार लेना... ये मानवता की सर्वोच्च मिसाल है त्याग ही... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · त्याग 2 2 259 Share 'अशांत' शेखर 9 Nov 2022 · 1 min read #Daily Writing Challenge : आरंभ आरंभ ही अंत तक पहुँचने का प्रारंभ है यदि आरंभ कठिन तो अंत और भी कठिन अगर आरंभ सरल तो अंत और भी सरल जिंदगी के आरंभ से जिंदगी के... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 8 4 149 Share 'अशांत' शेखर 7 Nov 2022 · 1 min read कल्पना ही कविता का सृजन है... कल्पना से सूंदर कविता है... ऐसा वो कहती है.. कल्पना जेहन को विचारों से सहेजती है... और कविता शब्दो का साज शृंगार करती है... मैंने कहाँ मगर कल्पना ही तो... Hindi · Ashantlekhani · कविता 6 9 328 Share 'अशांत' शेखर 3 Nov 2022 · 1 min read ✍️क्या ये सच नही..? राजा के ऊँगली का रंगीन पत्थर एक बेशकीमती नगीना कहलाता है मगर पत्थर के मकान में रहनेवाली प्रजा को मुश्किलो में जीना पड़ता है ……………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 03/11/2021 Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 4 232 Share 'अशांत' शेखर 3 Nov 2022 · 1 min read ✍️एक ख़्वाब आँखों से गिरा... एक ख़्वाब आँखों से गिरा और उठाने को वो भीड़ उमड़ पड़ी थी मगर साँसे चलती रही ख्वाईशो की और कोशिशें फिर से खड़ी थी मैं दरबदर खुद की तलाश... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 3 4 140 Share 'अशांत' शेखर 2 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ ख्वाइशें और एक ख़्वाब... ख़ुदकुशी के लिए ख्वाइशों को क़ुर्बान कर ख़ामोशी से जीते रहना ही काफी है...! जिंदगी जीने के लिए बस छोटा सा इक ख़्वाब आँखों में जिंदा रहना ही पर्याप्त है...!... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 4 162 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️चश्म में उठाइये ख़्वाब... गर दिल मोहब्बत से भरा है तो इश्क़ फरमाइये जनाब नफ़रतों का नजरियां बदलकर चश्म में उठाइये ख़्वाब …………………………………………………………………....…// ©✍️'अशांत' शेखर 01/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 4 172 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ नही मिलता मुफ्त में.. ये जिंदगी यूँही मुफ़्त में किस को क्या बख्शती है नन्ही चिड़िया भी घोंसलों के लिए तिनके उठाती है …………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 01/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 4 205 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️सोच तिलिस्मी तालों में बंद है... क्या असर होगा नस्लो पर सिर्फ मुर्दा ज़िस्म आझाद है और आपका दिल दिमाग दखियानुसी रिवाज़ो में क़ैद है दुनियां आसमाँ के चाँद सितारे छूने की होड़ में लगी है... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 4 194 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️दुनियां को यार फिदा कर... इन कुम्हलाते जेहन में एक नई सोच तू जिंदा कर ये मन के स्याह अँधेरे है इसमें नई रोशनी पैदा कर गुमराह करते है वो रास्ते जहाँ संगमिल ना लगा... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 268 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ दर्द खास होने चाहिये यादो में भी बसें कुछ दर्द खास होने चाहिये हम जिंदा है इसके कुछ एहसास होने चाहिये ………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 01/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 200 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️आदमी ने बनाये है फ़ासले… दोस्त इस कायनात में सब कुदरत के है फैसले जन्नत और जहन्नुम में आदमी ने बनाये है फ़ासले ………………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 31/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 173 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️हौसले भी कहाँ कम मिलते है इस जिंदगी में थोड़ी ख़ुशी पाने के चाहत में कई ज्यादा गम मिलते है मगर जिंदा इँसान में जीने के बूलंद हौसले भी कहाँ कम मिलते है …………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 408 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️दिल चाहता... हर दर्द हर ख़ुशी को ये आँखों के अश्क़ ही बयां करते है पर दिल चाहता पुराने ग़मो को भूलाकर कुछ नया करते है ………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 31/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 204 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️कर्म से ही वजूद… तेरे कर्म की कहानी ही तेरे वजूद की निशानी है ये अच्छा बुरा वक़्त ही हर इंसान की जुबानी है ………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 31/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 2 323 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️जब रिक्त हथेलियाँ... जब रिक्त हथेलियाँ खाली पेट कड़ी धुप निगलकर ज़िस्म के पसीने से अश्क़ पीकर मेहनताने की तलाश में भूखी भटकती है हताश... सहनशीलता के अंत में वे आखिर मुट्ठियां बन... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 209 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️रूह की जुबानी चलो इक फ़क़ीर के प्यार की वाणी बन जाये कोई एक इश्क़ की सूफ़ियाना कहानी बन जाये मैं कबीर के दोहे बनु तू मीरा के गीत बन जा... आओ इँसानियत... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 198 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️उम्मीदों की गहरी तड़प आखिर समंदर को पता है लहरें साहिल से टकराकर लौटेगी जरूर..! तु सागर के भाँति अपने हृदय में आशाओं का एक विशाल स्त्रोत निर्माण कर..! ये सच है उम्मीदों की... Hindi · Ashantlekhani · कविता 4 4 176 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️किसी रूठे यार के लिए... किस दर्द को तन्हा दबाये बैठा है यार मेरे वो कौनसा गम जो दिल पर है सवार तेरे बस दो पल का ये कैसा याराना जताया तूने गहरे अल्फाज़ो से... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 3 2 159 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️छल कपट सत्य को सदा छल कपट ने पराजित किया है पर झूठ को हमेशा तर्क ने ही परास्त किया है ……………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 29/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 2 161 Share 'अशांत' शेखर 27 Oct 2022 · 1 min read ✍️कभी मिटे ना पाँव के वजूद जरूर किसी से तो मिलता होगा ये चेहरा मेरा और उस मुकद्दर में भी लिखा होगा दायरा मेरा काली रातों ने तो सिखाया है उजाले ढूँढना हमें उम्मीदे जिंदा है... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 5 6 238 Share 'अशांत' शेखर 26 Oct 2022 · 1 min read ✍️तर्कहीन आभासी अवास्तविक अवतारवादी कल्पनाओ के आधार पर.. मैं मान भी लेता तुम्हारी पुरातन किताबो की काली सियाही से लिखी आदर्श कहानियां किस्से और कुछ तथ्यहीन बातें.. मगर वो मुझे भूतकाल के स्याह इतिहास में सफेद झूठ की... Hindi · Ashantlekhani · कविता 3 4 143 Share 'अशांत' शेखर 24 Oct 2022 · 1 min read ✍️पेट की भूख का शोर वो नजरे गढ़ाये खड़ा था जगमगाती रोशनी उसकी आँखों में जुगनू की तरह आंखमिचौली खेल रही थी वैसे तो सारा आसमाँ बेशुमार प्रकाशदीपो से झिलमिल हो उठा था लेकिन उसके... Hindi · Ashantlekhani · कविता 6 9 232 Share 'अशांत' शेखर 24 Oct 2022 · 1 min read ✍️ये अंधेरा मेरे रूह में निखर गया कुछ पल के लिए जरासा ठहर गया ये वक़्त मुझे यूँही अनदेखा कर गया वो साथ चलते रहा तन्हा मुसलसल.. जब काफ़िला सफर में बिखर गया चलने से सिर्फ ये... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 5 7 196 Share 'अशांत' शेखर 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️संस्कृती के कठोर रक्षाकवच... अनित्य सनातनी अज्ञान के स्याह अंधेरो में ज्ञान की रोशनी यूँही झाँकती नहीं हटवादी अविवेकी अंधकार के तमस में परिवर्तनशील सोच की इक लौ कभी जलती नहीं क्यूँ की संस्कृती... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 4 8 243 Share 'अशांत' शेखर 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुछ बाते… बाते मीठी.. बाते खट्टी.. बाते कड़वी.. बाते जहर भी होती है... बाते बोझ से दबे अंतर्मन को मुक्ति पाने का साधन होती है... बाते एक दूसरे के अंतर्मन से संवाद... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 4 223 Share Page 1 Next