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6 Dec 2022 · 1 min read

✍️महामानव को कोटि कोटि प्रणाम

खुद बुलंदी भी उनको छुना पायी
वो शख़्स इस सरजमी का था आसमान

कमाल का बेमिसाल होगा वो अज़ीम
जिनकी कलम से निर्माण हुवा ये संविधान
………………………………………………………………//
©✍️ – ‘अशांत’ शेखर
06/12/2022

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 140 Views
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