Tag: ग़ज़ल 2
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दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
ज़ैद बलियावी
तुमसे बिछड़ के दिल को ठिकाना नहीं मिला
Dr Archana Gupta
चाँदनी में नहाती रही रात भर
Dr Archana Gupta
जैसे चलती है रहगुज़र तन्हा
Dr Archana Gupta
रोका क़दम क़दम पे था हालात ने मुझे
Dr Archana Gupta
हम भला ज़िक़्रे-शान क्या करते
Dr Archana Gupta
आइना तुझको जब न भायेगा
Dr Archana Gupta
माना ये हमें बात को कहना नही आया
Dr Archana Gupta
'अर्चना' वरना लौट आते हम
Dr Archana Gupta
धूप
Dr Archana Gupta