Posts Tag: हिन्दी-लेखन 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shivkumar barman 4 May 2024 · 1 min read 😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟 हाथ बांधे कब तलक बोलो रहोगे चुप यहां, आज घर उसका जला कल अपने घर होगा धुआं, तोड़ डालो चुप्पियां अब होंठों के पट खोल दो, घर से निकलो और... Hindi · कविता · हिन्दी कविता · हिन्दी-लेखन 31 Share Surya Barman 11 Apr 2024 · 2 min read आया बसन्त आनन्द भरा सारे प्राणी के मन को , मथने लगा अनंग । आया बसन्त आनन्द भरा , मन में बहुत तरंग ।। पंच सर गहे निज हाथों में , शोषण-स्तंभन नाम ।... Hindi · आया-बसन्त-आनन्द-भरा · कविता · हिन्दी-लेखन 45 Share Surya Barman 6 Apr 2024 · 1 min read भावात्मक तुम मुझे अपने हर दर्द का हमदर्द बना लो दिल में नहीं तो ख्यालों में ही बैठा लो । सपनों में नहीं तो अपने इन आंखों में सजा लो ,... Hindi · कविता · भावात्मक · हिन्दी-लेखन 1 43 Share Surya Barman 12 Jan 2024 · 1 min read व्यस्तता तुम जैसा नहीं कोई दूजा है। पर,मेरे लिए कर्म ही पूजा है। चाहता हूं मैं तुम्हारे पास आऊं। व्यस्तता से तुम तक न आ पाऊं।। व्यस्तता में न तुमको ढ़ूंढ... Hindi · कविता · व्यस्तता · हिन्दी-लेखन 135 Share Shiv kumar Barman 12 Jan 2024 · 1 min read इतना क्यों व्यस्त हो तुम आखिर इतना क्यों व्यस्त हो तुम , कि अपने ही जीवन का अस्त हो तुम। ना मंजिलों का है पता, ना रास्तों का मोड़ है। जीवन की हर डगर पर... Hindi · कविता · व्यस्तता · हिन्दी-लेखन 1 119 Share Surya Barman 17 Dec 2023 · 1 min read मन के भाव मन के भाव ललित हो जाएं एक छंद बनती है कविता । किसी भाव के शूल गड़े तो नवल बंध गढ़ती है कविता ।। भावो का अतिरेक उमड़ता पन्नो पर... Hindi · कविता · मन-के-भाव · हिन्दी-लेखन 1 151 Share Surya Barman 10 Dec 2023 · 2 min read धनवान -: माँ और मिट्टी माँ और इस मिट्टी का कर्ज हम पर सदा उधार रहेगा । माँ और मिट्टी सदा महान रहेंगी ये संसार जब तक रहेगा ।। ये मिट्टी अपने सीने पर अन्न... Hindi · धनवान · माँ-और-मिट्टी · लेखन · हिन्दी-लेखन 191 Share Surya Barman 14 Jul 2023 · 1 min read ऐसे कैसे चला जाऊं मैं हर सुबह अखबार में पढ़ते हुए मौत की अनगिनत खबरें डर-सा लगा रहता है इन दिनों घर की खिड़की से देखता हूं जब गली से गुजरते लोगों को तो मन... Hindi · कविता · हिन्दी-लेखन 133 Share Surya Barman 3 Jul 2023 · 1 min read '' फितरत '' यार की दर्दे सितम हैं के जो थमने का नाम नहीं लेती जख्मों को सीया बहुत, ख़ुशी का जाम नहीं,, किसको सुनाऊ मैं हाल ऐ दिल, कोई मेरा महबूब नहीं जी रही... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · फितरत · हिन्दी कविता · हिन्दी-लेखन 5 138 Share Surya Barman 3 Jul 2023 · 3 min read अच्छाई बनाम बुराई :- [ अच्छाई का फल ] एक औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोज़ाना भोजन पकाती थी और एक रोटी वह वहाँ से गुजरने वाले किसी भी भूखे के लिए पकाती थी । वह उस... Hindi · अच्छाई-और-बुराई · अच्छाई-का-फल · अच्छाई-नाम-बुराई · कर्म-का-फल · हिन्दी-लेखन 218 Share