Posts Tag: वाचिक सृग्विणी छंद 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 26 Oct 2024 · 1 min read कदम आंधियों में गीतिका ~~~ जब कदम आंधियों में बढ़ेंगे नहीं। घन सघन मुश्किलों के छटेंगे नहीं। कूदना है नदी में जरूरी बहुत। श्रम बिना तो किनारे मिलेंगे नहीं। एकता में बहुत शक्ति... Hindi · गीतिका · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 151 Share surenderpal vaidya 12 Oct 2024 · 1 min read हर कदम गीतिका ~~~~ हर कदम साथ में तुम मिलाते रहो, स्नेह की धुन मधुर गुनगुनाते रहो। छोड़ दो हर निराशा खिले जिन्दगी, सुप्त प्रिय भावना फिर जगाते रहो। फिर उसी राह... Hindi · गीतिका · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 152 Share surenderpal vaidya 28 Jul 2024 · 1 min read चाहतें हैं गीतिका ~~ चाहतें हैं बहुत जग रही क्या करें। कुछ बताओ हमें धैर्य कैसे धरें। चांदनी रात का दृश्य है सामने। आह ठंडी अभी क्यों नहीं हम भरें। प्रेम की... Hindi · गीतिका · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 164 Share surenderpal vaidya 18 May 2024 · 1 min read दिखाने लगे गीतिका ~~ स्वप्न नेता नये अब दिखाने लगे। आज फिर वोटरों को लुभाने लगे। जेल में बंद थे लूट आरोप में। स्वच्छ खुद को बहुत अब बताने लगे। कह रहे... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 167 Share surenderpal vaidya 18 Apr 2024 · 1 min read * याद है * ** गीतिका ** ~~ याद है अब हमें बात प्रिय आपकी। खूबसूरत मुलाकात प्रिय आपकी। अब भुलाए नहीं भूल पाती कभी। साथ में चान्दनी रात प्रिय आपकी। प्यार के गीत... Hindi · गीतिका · याद · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 158 Share लक्ष्मी सिंह 15 Dec 2019 · 1 min read राह कोई नयी-सी बनाते चलो। ◆छंद:-वाचिक सृग्विणी ◆मापनी:-212 212 212 212 राह कोई नयी-सी बनाते चलो। दूरियाँ मंजिलों की मिटाते चलो। जिंदगी में खुशी के कभी फूल हैं। तो कभी कष्टदायी कई शूल हैं। शूल... Hindi · गीत · वाचिक सृग्विणी छंद 1 2 277 Share