Posts Tag: लेख 5k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Raghuvir GS Jatav 16 Jun 2024 · 1 min read दूरी सोचूं तो... दूरी सोचूं तो इक सदी बीत गई हो जैसे लेकिन वो जैसे एक पल भी मेरे दिलों-दिमाग से ओझल नही हुआ।गुजरते वक्त की कहानी है जो कहानियों में बदल कर... Hindi · Quote Writer · आंखे · कहानी · लेख · वो इश्क़ याद आता है 1 14 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 16 Jun 2024 · 3 min read "पिता दिवस: एक दिन का दिखावा, 364 दिन की शिकायतें" अरे वाह! पितृदिवस फिर आ गया, अब हम सब एक दिन के लिए 'पापा प्रेमी' बन ही जाते हैं। सोशल मीडिया पर सेल्फियों की बाढ़ आ जाएगी और हम यह... Hindi · कहानी · लेख · संस्मरण · हास्य-व्यंग्य 12 Share बिमल तिवारी “आत्मबोध” 14 Jun 2024 · 2 min read मोदी को सुझाव #अपेक्षाएं मोदीजी अब आप अपने इस व्यर्थ के विनम्र रूप को त्यागकर उस कार्य को कीजिये जिसकी आपसे अपेक्षाएं हैं-- 1)परिवार नियोजन कानून:- अगर किसी भी दंपत्ति के दो से... Hindi · चुनाव · नरेंद मोदी · लेख 16 Share DrLakshman Jha Parimal 12 Jun 2024 · 2 min read “ भाषा की मृदुलता ” डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “ ======================= जीवन के पग -पग पर भाषा की मृदुलता को महत्व दिया गया है “ एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल ,जग में... Hindi · लेख 1 19 Share bharat gehlot 11 Jun 2024 · 2 min read -संयुक्त परिवार अब कही रहा नही - - संयुक्त परिवार अब कही रहा नही - पहले जो प्रचलित थी सु प्रथाएं उनको आजकल के लोग भूल गए है जो संयुक्त परिवार के लोग होते है वे समाज... Hindi · लेख 26 Share Sudhir srivastava 11 Jun 2024 · 2 min read राजनीति और समाज सेवा अलग अलग हैं? यूँ तो समाज सेवा और राजनीति दोनों अलग अलग हैं। लेकिन दोनों एक दूसरे के पूरक भी बनते रहते हैं। ऐसा कोई अनिवार्य सिद्धांत भी नहीं है। कोई भी व्यक्ति... Hindi · लेख 1 22 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 11 Jun 2024 · 4 min read आज रविवार है -व्यंग रचना आज रविवार है, आप सोच रहे होंगे जैसे आप सभी के लिए रविवार ख़ास होता है मेरे लिए भी होगा ! नौकरीपेशा लोगों के लिए तो में समझ सकता हूँ... Hindi · लेख · हास्य-व्यंग्य 22 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 11 Jun 2024 · 5 min read परामर्श शुल्क –व्यंग रचना पेशे से डॉक्टर हूँ, और चूंकि मेरे घर का खर्चा भी इसी डॉक्टरी से चलता है, तो जाहिर है, मेरी नज़रें परामर्श शुल्क पर वैसे ही टिकी रहती हैं जैसे... Hindi · लेख · हास्य-व्यंग्य 22 Share Bindesh kumar jha 9 Jun 2024 · 2 min read मैं ख़ुद डॉक्टर हूं" - यमुना मैं ख़ुद डॉक्टर हूं" - यमुना सदियों से यमुना और कारखानों के बीच के संबंध बिगड़ते जा रहे हैं। शायद वैश्वीकरण ने यमुना के उपकारों को भुला दिया है। यमुना... Hindi · प्रकृति · यमुना · लेख 25 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 9 Jun 2024 · 8 min read भय -भाग-1 भय- भाग-1 भय अन्तर्मन कि गहराई से उतपन्न वह विचार है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को झकझोर देता है और विचारों को अशांत उद्वेलित करता है विचारो कि उतपत्ति मनुष्य... Hindi · लेख 19 Share Dr. Kishan tandon kranti 7 Jun 2024 · 1 min read जिद और जुनून मैं स्वयं अब तक 3600 काव्य रचनाएँ, 256 कहानियाँ, 900 से अधिक लघुकथाएँ, 2 उपन्यास और 1 यात्रा संस्मरण लिख चुका हूँ। अब तक मेरी 54 पुस्तकें और 16 साझा... Hindi · लेख 2 2 36 Share Ravi Betulwala 7 Jun 2024 · 1 min read यही सोचकर आँखें मूँद लेता हूँ कि.. कोई थी अपनी जों मुझे अपना यही सोचकर आँखें मूँद लेता हूँ कि.. कोई थी अपनी जों मुझे अपना कहा करती थी, खुद के ख्यालों में मुझे पाकर सजती -सवरती थी, उसकी आँखों में तड़प इस... Hindi · लेख 1 31 Share Ravi Betulwala 7 Jun 2024 · 1 min read मैं........ लिखता हूँ..!! मेरी कलम मुझसे पूछती है.. तुम आखिर लिखते क्या हो... मैं वक़्त की पुकार लिखता हूँ! मैं दिल से खुले विचार लिखता हूँ ! मैं सबकी सोच पर प्रहार लिखता... Hindi · लेख 1 59 Share DrLakshman Jha Parimal 6 Jun 2024 · 2 min read " आखिर कब तक ...आखिर कब तक मोदी जी " डॉ लक्ष्मण झा परिमल =============================== प्रजातान्त्रिक प्रणालियां देशों में सरकारों की कार्य कलापों की आलोचनायें और प्रसंशा होती ही रहतीं हैं ! ....जनमानस के सुनहरे सपने सत्ताधरी महारथिओं से जुड़े... Hindi · लेख 30 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 6 Jun 2024 · 3 min read मेरा लोकतंत्र महान -समसामयिक लेख हे प्रजातंत्र के प्रहरीगण, लोक तंत्र के इस विशाल नाटक का पटाक्षेप हो गया है. नाटक जहाँ झूठे वायदों की दुंदभी के आगे सच्चे संकल्प और भाव की तूती की... Hindi · काल/समय · राजनीति · लेख · लोकतंत्र 1 30 Share Dr. Kishan tandon kranti 1 Jun 2024 · 1 min read सफलता 'सफलता' धन और भौतिक सम्पदा की प्राप्ति मात्र नहीं है। वस्तुतः इसका अर्थ काफी गहन और व्यापक है। सफलता मुख्य रूप से आपकी आन्तरिक शक्ति और मानसिक नियंत्रण की उस... Hindi · लेख 1 1 24 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 1 Jun 2024 · 4 min read एक वृक्ष जिसे काट दो 🙏🙏सादर प्रणाम🙏🙏 *एक वृक्ष जिसे काट दो* दहेज का वृक्ष इस कदर जड़ें जमा बैठा है जैसे उसकी जड़ें पाताल से अपने लिए भोज्य खींच रही हों और इस वृक्ष... Hindi · निबंध · लेख 28 Share Sunil Maheshwari 31 May 2024 · 1 min read सच्चाई का रास्ता दोस्तों सच्चाई का रास्ता माना दुश्वारियों, मुश्किलों और कठिनाइयों से होकर गुजरता है, पर उसके साथ चलकर जो सफलता और मुकाम हासिल होती है, वह हमें आत्म संतुष्टि के साथ-साथ... Hindi · लेख 1 19 Share Sunil Maheshwari 31 May 2024 · 2 min read सम्मान दोस्तों, कहते हैं ना कि इज्जत (Respect) मांगने से नहीं मिलती, यह बहुत मंहगी चीज है। जो सिर्फ कमायी जाती है। अक्सर हमें ऐसा महसूस होता है कि हमारे कार्य... Hindi · लेख 2 23 Share Ravi Betulwala 30 May 2024 · 1 min read मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!! हँसते -मुस्कुराते चेहरों के कई टूटे दिल, कई टूटे सपने ! होंठो पर लफ्ज़ है रुके हुए आँखों में आँसू थमे हुए ! ये चंचल मन क्यूँ बिखर गया ये... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 4 74 Share Shyam Sundar Subramanian 30 May 2024 · 2 min read वर्तमान परिस्थिति - एक चिंतन एक व्यक्ति विशेष ज्ञानी, बुद्धिमानी और साधन संपन्न होने पर भी एक छोटे से व्यक्ति से हार जाता है, क्योंकि वह अदना सा व्यक्ति अपने परिस्थितिजन्य अधिकार का उपयोग करते... Hindi · चिंतन · लेख 32 Share Kalamkash 30 May 2024 · 1 min read तज़्किरे महक रही हैं ये सबायें, खिल उठे है गुंचे फिर, मचल रहा है फिर चमन, मचल रही हैं इशरतें, बहार बन के आयी हैं निशात ज़िन्दगी में फिर, है लगता... Hindi · Hindi Urdu · Nazm · Urdu Poetry · कविता · लेख 29 Share Dr. Kishan tandon kranti 30 May 2024 · 1 min read सीमा पार हद हो गई। इस वर्ष मई की झुलसा देने वाली गर्मी से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। भारत के अनेक हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच चुका है।... Hindi · लेख 1 1 42 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको, क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको, जितना लगता हूँ सुलझा हुआ.. उतना ही बहका हुआ हूँ मैं, रात का मुसाफिर हूँ अंधेरों से याराना है.. डरना मैंने सीखा... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 24 Share Sunil Maheshwari 29 May 2024 · 2 min read इंसानियत दोस्तों, इंसानियत पर कुछ भी लिखना मेरा पसंदीदा विषय रहा है, आज भी मेरी आंखों के सामने इंसानियत फिर से शर्मसार हुयी। दोस्तों आज दिल्ली मैटो् में यात्रा करते समय... Hindi · लेख 1 33 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है, लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है, तुम ही करीब आये थे और तुम ही दूर जा रही हो... खुदा जाने किस तरह का इश्क़ निभाया जा रहा है,... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 27 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा.. तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा.. चुपके से तेरे दिल ने... मुझसे मिलने का फैसला भी किया ही होगा, तुम नहीं मिलोगी मुझसे ये जानता... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 29 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 29 May 2024 · 6 min read प्रारब्ध का सत्य प्रारब्ध का सत्य-- होनी एव संयोग एक दूसरे के सहोदर है जो प्रारब्ध कि प्रेरणा है लेकिन इन तीनो को कर्म ज्ञान और सत्य से परिवर्तित किया जा सकता है।... Hindi · लेख 24 Share Ravi Prakash 29 May 2024 · 2 min read *जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर* *जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर* __________________________ रामपुर में 'जैन पब्लिक लाइब्रेरी' की स्थापना 1 अक्टूबर 1936 को फूटा महल (निकट मिस्टन गंज) में हुई थी। उस समय रियासती शासन था। लाइब्रेरी... Hindi · यात्रा वृत्तांत · लेख 28 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 8 min read सत्संग की ओर ||श्री राधाकृष्णाभ्याम नमः || || श्री स्वामी हरिदासोविजयतेत् राम || || श्रीमन्नीत्यनिकुंजविहारिणे नमः || श्री हरि- गुरु की कृपा से जीव को मनुष्य देह की दुर्लभता का ज्ञान होता है|... Hindi · लेख 29 Share Dr.Archannaa Mishraa 29 May 2024 · 2 min read हिंदी साहित्य में लुप्त होती जनचेतना हिंदी साहित्य में लुप्त होती जनचेतना हिंदी साहित्य अपने आप में ही हज़ारों समुन्दरों को समेटे हुए है। हिंदी साहित्य की बुनियाद और नीव बड़ी ही मज़बूती से खड़ी हुई... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 2 36 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read अपना ईमान तक गवाये बैठे है...!! एक चेहरे पर ना जाने कितने मुखड़े लगाये बैठे है, एक भरोसे के दिखावे पर कितने बेईमान छुपाये बैठे है, इतने भी कितने गिर चले है लोग यहां.. किसी को... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 26 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 28 May 2024 · 2 min read क्या हम वास्तविक सत्संग कर रहे है? लोगों को वास्तविक सत्संग मिल ही नही रहा।ना लोग चाह रहे है।अच्छे से मेकअप आर्टिस्ट से मेकअप करवाके , सुंदर सजीले वस्त्र पहने कथावाचक जों कथा कम और लच्छेदार बाते... Hindi · लेख 25 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 28 May 2024 · 6 min read नर नारायण नर नारायण-- ब्रह्मांड के दो प्रमुख अवयव है जो परब्रम्ह परमात्मा कि कल्पना रचना कि वास्तविकता है प्रथम प्रकृति है जो ब्रह्मांड का आधार है जिसमे पंच तत्व महाभूतों का... Hindi · लेख 24 Share Sunil Maheshwari 28 May 2024 · 2 min read चाहत बेहतर स्वास्थ्य की दोस्तों, अच्छे स्वास्थ्य की चाहत तो सभी को रहती है, पर क्या उसको पाने के लिये हम सभी भरसक प्रयास करते हैं? जो हमें करने चाहिए, जैसे कि योग, व्यायाम,... Hindi · लेख 1 26 Share Sunil Maheshwari 26 May 2024 · 2 min read लेखनी का सफर कुछ कर गुजरने का जुनून दोस्तों ये बात तब की है,जब में इस बेरंग दुनिया की उलझनों में कहीं खोया हुआ था,अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के सपने के साथ दुनियां... Hindi · लेख 1 32 Share Sunil Maheshwari 26 May 2024 · 2 min read स्त्री की स्वतंत्रता स्त्री की स्वतंत्रता कोई नहीं चाहता, ये बात काफी हद तक सत्य है। जहां एक ओर हर मर्द स्त्री को घर गृहस्थी की जिम्मेदारी, बच्चों का पालन-पोषण, और खाना पकाने... Hindi · लेख 1 28 Share Sunil Maheshwari 25 May 2024 · 2 min read मानसिक तनाव दोस्तों मेरा अनुभव कहता है कि अधिकांश समय तनाव का मुख्य कारण काम का समय से पूरा नहीं करना होता है, जिससे हमें मानसिक तनाव होता है, हमें अवचेतन मन... Hindi · लेख 3 1 33 Share Sunil Maheshwari 25 May 2024 · 2 min read नतीजों को सलाम दुनिया सिर्फ "नतीजों" को ही "सलाम" करती है, संघर्ष को नहीं" ये कहावत कारपोरेट जगत में बिल्कुल चरितार्थ होती है। आज की प्रतिस्पर्धा की दौड़ में कंपनी, अपने कर्मचारियों से... Hindi · लेख 3 26 Share Sunil Maheshwari 25 May 2024 · 2 min read पिता की जिम्मेदारी -एक मार्मिक एहसास दोस्तों नहीं जानता कि मेंने पिता का ओहदा पाकर क्या पाया या क्या खोया, बस जिदंगी के कुछ खट्टे मीठे, तीखे,प्यार भरे एहसासों के तले ये जिदंगी जहाँ चलाती गयी... Hindi · लेख 3 5 37 Share Ravi Betulwala 25 May 2024 · 1 min read थोड़ा Success हो जाने दो यारों...!! थोड़ा Success हो जाने दो यारों, अपनी कहानी भी सबको सुनाऊंगा, थोड़ा वक़्त लगेगा... पर इसी महफ़िल में लौट कर वापस आऊंगा ! दुनिया की तमाम बंदिशे तोड़कर निकल पड़ा... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 4 4 62 Share Ravi Betulwala 25 May 2024 · 1 min read . क्यूँ लोगों से सुनने की चाह में अपना वक़्त गवाएं बैठे हो !! इस खामोश चेहरे के पीछे किसका दर्द छुपाये बैठे हो, आँखों की नमी साफ - साफ कह रही है, तुम ही कह दो सच... कितने धोखे खाये बैठे हो, दिल... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 3 31 Share Dr. Kishan tandon kranti 24 May 2024 · 1 min read दुःख (पीड़ा) दुःख ऐसी चीज नहीं है, जो कभी खत्म हो सके। यह किसी न किसी रूप में जीवन में विद्यमान रहेगा ही। इसलिए दुःख, पीड़ा, संकट इत्यादि को गले लगाना और... Hindi · लेख 2 1 40 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 24 May 2024 · 2 min read विचारिए क्या चाहते है आप? संसार की दयनीय स्थिति हो चुकी है।आज अधिकांश लोग परमात्मा से प्रेम करते ही नही है।हम जैसे लोग परमात्मा से सिर्फ अपनी चाह पूरी करवाना चाहते है।हमने परमात्मा को माना... Hindi · लेख 41 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 23 May 2024 · 2 min read कोई विरला ही बुद्ध बनता है आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सभी को बधाईयां एवं। शुभकामनाएं।आज मन में विचार आया की आज से 2500 वर्ष पूर्व एक युवक के मन में कुछ दृश्यों को देख... Hindi · लेख 42 Share Ravi Betulwala 23 May 2024 · 1 min read दिल की बात आंखों से कहने में वक्त लगता है.. इस खामोश चेहरे के पीछे किसका दर्द छुपाए बैठे हो, आंखों की नमी साफ-साफ कह रही है.. तुम ही कह दो सच कितने धोखे खाये बैठे हो.. दिल की बात... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 32 Share Ravi Betulwala 23 May 2024 · 1 min read ना मैं निकला..ना मेरा वक्त कही..!! मैं खुद को खुद में ढूंढता हूं..फिर खुद में ही खो जाता हूँ, मेरे अंतर्मन के ख्यालों से खुद को ही बहलाता हूँ, कोई देखे अगर मुझे एक नजर.. बिना... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 22 Share Ravi Betulwala 23 May 2024 · 1 min read कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!! तुम्हें भूलना मुश्किल लगे क्यूँ , खुद को भूलना इतना आसान क्यूँ , तुम ही तुम बसी हो क्यूँ यादों में अब भी, तुम ही तुम हो क्यूँ सवालों में... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 27 Share Ravi Betulwala 23 May 2024 · 1 min read Nonveg-Love सिर से घूँघट भी उसका उतर जायेगा.. ज़ब मेरे दिल से दिल उसका मिल जायेगा.. फिर ये सांसे भी साँसो में घुल जाएगी.. वो बाहों में होकर मुस्कुरायेगी.. धीरे -... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 29 Share Kalamkash 22 May 2024 · 1 min read जब व्यक्ति वर्तमान से अगले युग में सोचना और पिछले युग में जी जब व्यक्ति वर्तमान से अगले युग में सोचना और पिछले युग में जीना शुरू कर देता है, तब वह कविता करने लगता है...✍️ Hindi · Hindi Motivational Quotes · कविता · लेख 1 32 Share Page 1 Next