Posts Tag: मैथिली 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 1 May 2025 · 2 min read सेहेन्ता.. *सेहेन्ता* (मैथिली छंदमुक्त काव्य) सेहेन्ता.. जन्म स मरण धरि सेहेन्ता, बस स्वरुप बदलैत अछि.. जन्म लेलहुं त माए क कोरा म रहब, दुध पिअब तकर सेहेन्ता.. कनि पैघ भेलहुं त... Maithili · मिथिला राज्य · मैथिली · मैथिली कविता · मैथिली छन्दमुक्त काव्य · सेहन्ता 2 108 Share मनोज कर्ण 25 Apr 2025 · 2 min read लछमीनिया क' बात सुनू.. *लछमिनिया क' बात सुनू* (कचरा बिछैवाली क मनोव्यथा) *मैथिली कविता* अहां सभ लछमिनिया क बात सुनू ओ अछि समाजक कतएक कात सुनू , कहैए पोछा लगाएब नञ् घर घर जा... Maithili · मैथिली · मैथिली कविता · मैथिली काव्य · मैथिली गीत · लछमीनिया क बात सुनू 2 119 Share मनोज कर्ण 11 Oct 2024 · 1 min read आतंकवाद आतंकवाद काल जकाँ ई, आतंकवाद अछि, ओझरौने सभ विकासक चाल। मध्यएशिया खंडहर भ' रहल अछि, आतंकवाद बनल आब बिशद विसाल। कैएक किसिम क' बम बरखै अइ, पसरल अछि युद्ध अति... Maithili · आतंकवाद · मैथिली · मैथिली कविता · मैथिली काव्य 2 320 Share मनोज कर्ण 28 Sep 2024 · 1 min read कनि कहियौ ने श्रीमान..! कनि कहियौ ने श्रीमान..! कनि कहियौ ने श्रीमान..! जे सगरो लोक कहैये.. पिछड़ल अछि आइयो मिथिलाधाम, चचरी के पूल कहैये । कनि तकियौ ने श्रीमान..! जे मिथिला क' लोक तकैये..... Maithili · कनि कहियौ ने श्रीमान · मैथिली · मैथिली कविता 3 226 Share मनोज कर्ण 26 Sep 2024 · 1 min read ' रहब हम मिथिलादेश में ' ' रहब हम मिथिलादेश में ' छी,असभ्य गंवार भने हम, आजु क' मुलुक परिवेश में। छोड़ब नञ संस्कार पुरातन, दृढ़प्रतिज्ञ रहब अपने भेष में। देश कोनो भारत जेका नञ, मिलत... Maithili · मिथिलादेश · मैथिली · मैथिली कविता 2 221 Share गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur ) 11 Feb 2024 · 1 min read ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै एकबाइग जिनगीसँ कियो एना चलि जाइ छै जेना जागल आँखिसँ सपना चलि जाइ छै हाथक मुठ्ठी वा शब्दक चिठ्ठीमे कैद करू मुदा ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै Maithili · Gajendra Gajur · Quote Writer · गजेन्द्र गजुर · मैथिली · शायरी 1 222 Share दीपक झा रुद्रा 25 Aug 2022 · 1 min read मैथिली कविता दुख दिवस दीन संकट देखूँ। हँ अछि अनहार विकट देखूँ। मन द्वंद सँ लड़ि रहल ऐसगर सभ आंँखिक में आयि प्रकट देखूँ। निश्छल मन प्रेम उपासक बनि.. पथ पर पसरल... Maithili · कविता · मैथिली 2 533 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read हे महादेव! हे महादेव, शंकर , प्रलयंकर,जुनि देखूँ जग केँ संहारक। अछि व्यथा सृष्टि के पालक,दृश्य समूचा हृदय विदारक । देखूंँ पसरल अछि हाथ काल केँ,जे रूप कोरोना केँ धेलक। छल हर्षित... Maithili · कविता · मैथिली · मैथिली छंद · मैथिली प्रवाहमय कविता 2 433 Share