हे राम! तुम्हें शिरसा प्रणाम
जीवन-पथ, उनकी मंज़िल जो भव-सागर, उनका साहिल जो कर्ता-भर्ता-संहर्ता जो... सारे जिनके, सबके है जो क्षण-क्षण, कण-कण में रमते जो सर्वेश्वर राम कहाते जो उनका पुनीत ये परम धाम इस...
Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · मेरे प्रभू