Tag: मुक्तक
649
posts
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
Ravi Prakash
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
*ये झरने गीत गाते हैं, सुनो संगीत पानी का (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*ये सावन जब से आया है, तुम्हें क्या हो गया बादल (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*अभी भी शादियों में खर्च, सबकी प्राथमिकता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सफर में जब चलो तो थोड़ा, कम सामान को रखना( मुक्तक )
Ravi Prakash
*यह कहता चाँद पूनम का, गुरू के रंग में डूबो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*खुशी के पल असाधारण, दोबारा फिर नहीं आते (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*सभी को आजकल हँसना, सिखाने की जरूरत है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*मौहब्बत सीख ली हमने, तुम्हारे साथ यारी में (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*नजर बदलो नजरिए को, बदलने की जरूरत है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ये काले बादलों से जैसे, आती रात क्या
Ravi Prakash
*बनाता स्वर्ग में जोड़ी, सुना है यह विधाता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*उसके यहाँ भी देर क्या, साहिब अंधेर है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सफर में चाहते खुशियॉं, तो ले सामान कम निकलो(मुक्तक)
Ravi Prakash
न जल लाते हैं ये बादल(मुक्तक)
Ravi Prakash
*समय अच्छा अगर हो तो, खुशी कुछ खास मत करना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*घने मेघों से दिन को रात, करने आ गया सावन (मुक्तक)*
Ravi Prakash
वर्ष तिरासी से अब तक जो बीते चार दशक
Ravi Prakash
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*उड़ीं तब भी पतंगें जब, हवा का रुख नहीं मिलता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*प्रीति के जो हैं धागे, न टूटें कभी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*प्यार से और कुछ भी जरूरी नहीं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*साँस लेने से ज्यादा सरल कुछ नहीं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
लिफाफे में दिया क्या है (मुक्तक)
Ravi Prakash
*बादलों से घिरा, दिन है ज्यों रात है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*सभी को चाँद है प्यारा, सभी इसके पुजारी हैं ( मुक्तक)*
Ravi Prakash
*भरे मुख लोभ से जिनके, भला क्या सत्य बोलेंगे (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*अगर ईश्वर नहीं चाहता, कभी मिलता नहीं होता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*विश्व योग दिवस : 21 जून (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कानून हो दो से अधिक, बच्चों का होना बंद हो ( मुक्तक )
Ravi Prakash
*जितनी जिसकी सोच संकुचित, वह उतना मेधावी है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*आयु पूर्ण कर अपनी-अपनी, सब दुनिया से जाते (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सबका नपा-तुला है जीवन, सिर्फ नौकरी प्यारी( मुक्तक )
Ravi Prakash
जल प्रदूषित थल प्रदूषित वायु के दूषित चरण ( मुक्तक)
Ravi Prakash
*न जाने रोग है कोई, या है तेरी मेहरबानी【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*नहीं पूनम में मिलता, न अमावस रात काली में (मुक्तक) *
Ravi Prakash
*जरा सोचो तो जादू की तरह होती हैं बरसातें (मुक्तक) *
Ravi Prakash
*ये दुनिया है यहाँ सुख-दुख, बराबर आ रहे-जाते 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
*गुरुदेव की है पूर्णिमा, गुरु-ज्ञान आज प्रधान है【 मुक्तक 】*
Ravi Prakash
*गृहस्थी का मजा तब है, कि जब तकरार हो थोड़ी【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
*मुख पर गजब पर्दा पड़ा है क्या करें【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
*ठहाका मारकर हँसने-हँसाने की जरूरत है【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*हो न हो कारण भले, पर मुस्कुराना चाहिए 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
*मिला है जिंदगी में जो, प्रभो आभार है तेरा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*बहुत ज्यादा न सुख की चाह, हे भगवन मुझे देना 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
*धन्य-धन्य वह जीवन जो, श्री राम-नाम भज जीता है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*राजनीति का अर्थ तंत्र में, अब घुसपैठ दलाली है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*पाना है अमरत्व अगर तो, जग में सबसे प्यार करो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*कभी होती अमावस्या ,कभी पूनम कहाती है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash