Tag: माता पिता
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*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मिलती जीवन में खुशी, रहते तब तक रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*उसी को स्वर्ग कहते हैं, जहॉं पर प्यार होता है (मुक्तक )*
Ravi Prakash
*बेफिक्री का दौर वह ,कहाँ पिता के बाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
Ravi Prakash
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
*हमें बेटी बचाना है, हमें बेटी पढ़ाना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
छुट्टी का इतवार नहीं है (गीत)
Ravi Prakash
*जन्म लिया है बेटी ने तो, दुगनी खुशी मनाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
*शुभ विवाह की वर्षगॉंठ, बच्चों ने खूब मनाई (गीत)*
Ravi Prakash
पुण्य स्मरण: 18 जून2008 को मुरादाबाद में आयोजित पारिवारिक सम
Ravi Prakash
सुख मिलता है अपनेपन से, भरे हुए परिवार में (गीत )
Ravi Prakash
न दीखे आँख का आँसू, छिपाती उम्र भर औरत(हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
*जिंदगी में जब मिले सुख-दुख पिता की याद आई (गीत )*
Ravi Prakash
*पिता (सात दोहे )*
Ravi Prakash
*कहाँ साँस लेने की फुर्सत, दिनभर दौड़ लगाती माँ 【 गीत 】*
Ravi Prakash
*मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】*
Ravi Prakash
*माँ : दस दोहे*
Ravi Prakash
रखता पैतृक एलबम , पावन पुत्र सँभाल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
दो अक्षर का शब्द है , सबसे सुंदर प्रीत (कुंडलिया)
Ravi Prakash
* घर में खाना घर के भीतर,रहना अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/ गीत
Ravi Prakash
* करता बाइक से सफर, पूरा घर-परिवार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
*जिसको सोचा कभी नहीं था, ऐसा भी हो जाता है 【हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
वृद्धाश्रम में दौर, आखिरी किसको भाता (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पोता-पोती बेटे-बहुएँ,आते हैं तो उत्सव है (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
*सूने घर में बूढ़े-बुढ़िया, खिसियाकर रह जाते हैं (हिंदी गजल/
Ravi Prakash
ऑंसू छुपा के पर्स में, भरती हैं पत्नियॉं
Ravi Prakash
दादाजी (कुंडलिया)
Ravi Prakash
घर में दो लाचार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शादी (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*मनुज पक्षी से सीखे (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*दूसरी अपनी काया 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
*जहाँ पर घर नहीं बसते, वहीं पर वृद्ध-आश्रम हैं(मुक्तक)*
Ravi Prakash
*आदेशित पुरुषों से हो, घूँघट में रहना पड़ता है (हिंदी गजल/ग
Ravi Prakash
*पत्नियाँ (हिंदी गजल/ गीतिका*
Ravi Prakash
*मजे आ रहे हैं गुड़िया को, दिनभर खाती-सोती है (बाल कविता/ हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
*एक साथी क्या गया, जैसे जमाना सब गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
*बिना तुम्हारे घर के भीतर, अब केवल सन्नाटा है ((गीत)*
Ravi Prakash
*जब साठ साल के हुए 【गीत】*
Ravi Prakash
*बेटियॉं कठपुतलियॉं हरगिज नहीं कहलाऍंगी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
*जन्म कन्या का हुआ है, हर्ष से भर जाइए (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
*बेटियॉं जब से कमाने लग गईं (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
*और फिर बहुऍं घरों के कामकाज निभाऍंगी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
*कन्या-धन जो दिया ईश तुम को प्रणाम सौ बार (गीत)*
Ravi Prakash
*तीन माह की प्यारी गुड़िया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
*पिता (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*नारियों को आजकल, खुद से कमाना आ गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
भैया दूज (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
*याद तुम्हारी आती है ( गीत )*
Ravi Prakash