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Tag: माता पिता कुंडलिया
19 posts
*नारी है अर्धांगिनी, नारी मातृ-स्वरूप (कुंडलिया)*
*नारी है अर्धांगिनी, नारी मातृ-स्वरूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पहिए हैं हम दो प्रिये ,चलते अपनी चाल (कुंडलिया)*
*पहिए हैं हम दो प्रिये ,चलते अपनी चाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पति-पत्नी दो श्वास हैं, किंतु एक आभास (कुंडलिया)*
*पति-पत्नी दो श्वास हैं, किंतु एक आभास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*चलते-चलते मिल गईं, तुम माणिक की खान (कुंडलिया)*
*चलते-चलते मिल गईं, तुम माणिक की खान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*नारी तुम गृह स्वामिनी, तुम जीवन-आधार (कुंडलिया)*
*नारी तुम गृह स्वामिनी, तुम जीवन-आधार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अपना घर किसको कहें, उठते ढेर सवाल ( कुंडलिया )
अपना घर किसको कहें, उठते ढेर सवाल ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
*पर्वत से दृढ़ तुम पिता, वंदन है शत बार (कुंडलिया)*
*पर्वत से दृढ़ तुम पिता, वंदन है शत बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पुण्य कमाए तब मिले, पावन पिता महान (कुंडलिया)*
*पुण्य कमाए तब मिले, पावन पिता महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
17 जून 2019 को प्रथम वर्षगांठ पर रिया को हार्दिक बधाई
17 जून 2019 को प्रथम वर्षगांठ पर रिया को हार्दिक बधाई
Ravi Prakash
*जाओ ले संदेश शुभ ,प्रियतम पास कपोत (कुंडलिया)*
*जाओ ले संदेश शुभ ,प्रियतम पास कपोत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*घूॅंघट सिर से कब हटा, रहती इसकी ओट (कुंडलिया)*
*घूॅंघट सिर से कब हटा, रहती इसकी ओट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नया जमाना आ गया, रही सास कब खास(कुंडलिया)
नया जमाना आ गया, रही सास कब खास(कुंडलिया)
Ravi Prakash
बच्चे कैसे कम करें, बच्चे घर की शान( कुंडलिया)
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Ravi Prakash
*बोले बच्चे माँ तुम्हीं, जग में सबसे नेक【कुंडलिया】*
*बोले बच्चे माँ तुम्हीं, जग में सबसे नेक【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
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