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Tag: भक्ति मुक्तक
18 posts
*वनवास हो या राजपद, जिनको सदैव समान है (मुक्तक)*
*वनवास हो या राजपद, जिनको सदैव समान है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है (मुक्तक)*
*दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
*हे अष्टभुजधारी तुम्हें, मॉं बार-बार प्रणाम है (मुक्तक)*
*हे अष्टभुजधारी तुम्हें, मॉं बार-बार प्रणाम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
■ मुक्तक...
■ मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
*आर्य समाज (मुक्तक)*
*आर्य समाज (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है (मुक्तक)*
*गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
#जीवन का सार...
#जीवन का सार...
*Author प्रणय प्रभात*
#अपील....
#अपील....
*Author प्रणय प्रभात*
*धन्य तुम मॉं, सिंह पर रहती सदैव सवार हो (मुक्तक)*
*धन्य तुम मॉं, सिंह पर रहती सदैव सवार हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
अभी तक न विफलता है ,अभी तक न सफलता है (मुक्तक)
अभी तक न विफलता है ,अभी तक न सफलता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
■ शर्मनाक हालात
■ शर्मनाक हालात
*Author प्रणय प्रभात*
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
■ बच कर रहिएगा
■ बच कर रहिएगा
*Author प्रणय प्रभात*
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
जगदीश शर्मा सहज
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
जगदीश शर्मा सहज
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