Posts Tag: पं बृजेश कुमार नायक के मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Pt. Brajesh Kumar Nayak 20 Feb 2024 · 1 min read हृदय वीणा हो गया। जल उठे साथी तो मेरा चौड़ा सीना हो गया। ज्ञान -गुरु चौखट तथा श्रम का पसीना हो गया। आह नहिं की आपने फेका था जिस दिन गर्त में। समय ने... Poetry Writing Challenge-2 · पं बृजेश कुमार नायक के मुक्तक 105 Share