Tag: नवगीत
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कोमल नर्म बिछौना
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सच में शक्ति अकूत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
करनी होगी जंग
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#गीत
*Author प्रणय प्रभात*
सावनी श्यामल घटाएं
surenderpal vaidya
गायें गौरव गान
surenderpal vaidya
* सूर्य स्तुति *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दर्द की मानसिकता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जो मुझे तुमसे मिला है मैं वही लौटा रहा हूं।
Kumar Kalhans
लतिका
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लाद ले जाती गरीबी (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
लिया समय ने करवट
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बादलों ने नभ निलय में ( नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
वक्त को जिसने न समझा (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
व्यक्तिगत न्याय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कल से धोती अम्मा जी की (नवगीत?
Rakmish Sultanpuri
देख चुप खुद मौन मुझसे प्रश्न कोई (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
आदमी की क्रूरता में कौन सा रस है(नवगीत?
Rakmish Sultanpuri
💐 मेरी तलाश💐
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हिन्दी के हित प्यार
surenderpal vaidya
बहरे हैं
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
किसको सुनाऊँ
surenderpal vaidya
बरसात
surenderpal vaidya
आश दे तो आशना दे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
करवट लेती यादें
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आज गरीबी की चौखट पर (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
जिन लोगों ने दर्द (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
पैसों के छाँव तले रोता है न्याय यहां (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
गाँवों की पगडंडी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सन्नाटे गांवों में पसारे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
लेकर हाथ तिरंगा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चर्चाएं आपस में करते नभ के दोनों (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
हूं नही कवि व्यर्थ अपनी लेखनी (नवगीत?
Rakmish Sultanpuri
स्वप्न केवल स्वप्न बनकर हो गया बेकार तो (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
निर्भय सोती रही जिंदगी (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
वक्त गिरवी सा पड़ा है जिंदगी ( नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
गीत अभी तक ज़िंदा है
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
समय बड़ा अलबेला है
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सच का कोई मूल नही है (नवगीत?
Rakmish Sultanpuri
रिमझिम बरसो
surenderpal vaidya
कंटकों के मार्ग पे चल (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
अनुमानों पर जीवन शैली (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
जिंदगी है कुछ नही बस(नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
सहज प्रेम से दूर आदमी (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
आज धूप का चौथा दिन है । (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
बदल गए हैं सब प्रतिमान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सज्जनता के जेवर
डाॅ. बिपिन पाण्डेय