Posts Tag: जिंदगी का सच 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 Jul 2024 · 1 min read ज़िंदगी का जंग बेहतर होता कि मोड़ते जाते कोरा कागज़, बोझल पलकें न देंगे ज़िंदगी का हर संग!! यूं लगता है जैसे अधूरा है ज़िंदगी का चेहरा, बस उतर गया कहीं पर्दे से... Hindi · कविता · जिंदगी का सच 37 Share Lovi Mishra 31 May 2024 · 1 min read प्रवाह न जाने वाले को जाने से रोक सकते हैं न आने वाले को आने से…… बस एक प्रवाह चलता है, पीछे से आगे; या आगे से पीछे भी? इसी के... Poetry Writing Challenge-3 · *जीवन का सत्य* · कविता · चलना ही जीवन है · जिंदगी एक पहेली · जिंदगी का सच 2 87 Share Lovi Mishra 30 May 2024 · 1 min read सच की माया आज मैं हूँ उलझन में अपनों से अनबन में जो कभी सोचा नहीं वो घट रहा है जीवन में झूठ और फरेब ही क्या आज बहुमूल्य है मेहनत के पानी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · जिंदगी का सच · मुक्तक · सच · सामाजिक विसंगतियां 1 96 Share Sûrëkhâ 15 May 2024 · 1 min read आईना आईना कभी कभी खुद से भी बात कर लिया करो आइने में रहकर खुद आइनें से बात कर लिया करों है कहाँ शक्ल!वो शक्ल कहाँ खो गयी जरा देखा करों... Poetry Writing Challenge-3 · आईना एक सच · आईना खुद की परछाई · जिंदगी का सच · सच 166 Share Sûrëkhâ 14 May 2024 · 1 min read कैसी लगी है होड़ कैसी लगी है होड़ खुद को बेहतर साबित करने की कैसी लगी ये होड़। आंखें सुंदर सबकी है फिर क्यों अंधों सी दौड़ खुद को बेहतर साबित करने की कैसी... Poetry Writing Challenge-3 · आज के जीवन की भागदौड़ · आपसी होड़ · जिंदगी का सच · जीवन के उतार-चढ़ाव की सोच 1 77 Share Sûrëkhâ 10 May 2024 · 1 min read जिंदगी के कुछ कड़वे सच जिंदगी के कुछ कड़वे सच जिंदगी में कभी भी किसी को बेकार मत समझो क्योंकि बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है । किसी की बुराई... Poetry Writing Challenge-3 · इंसानियत · कविता · कुछ कड़वे कुछ मीठे पल · जिंदगी का सच 1 134 Share साहित्य गौरव 6 Dec 2023 · 1 min read बस चार है कंधे बस चार है कंधे चार है लोग, बाकी के सब बेकार है लोग। कुछ आगे है कुछ पीछे है, मतलब के सारे यार है लोग। ....बस चार है कंधे चार... Hindi · कविता · जिंदगी का सच 3 264 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read *जिंदगी के कुछ कड़वे सच* *जिंदगी के कुछ कड़वे सच* जिंदगी में कभी भी किसी को बेकार मत समझो क्योंकि बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है । किसी की बुराई... Poetry Writing Challenge · इंसानियत · कविता · जिंदगी का सच · जिंदगी-दो-पल-की · ये जिंदगी 5 1 728 Share