Posts Tag: चुन्नू लाल गुप्ता 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Chunnu Lal Gupta 6 May 2024 · 1 min read *** मैं प्यासा हूँ *** *** मैं प्यासा हूँ *** ------------------------ मानवीय संवेदनाओं की गहन अभिलाषा हूँ • मैं प्यासा हूँ - ऊंचे-ऊंचे महल,आफिसों,बंगलों में जीवन ढूंढ रहे पक्षियों में आज़ निराशा हूँ • मैं... Hindi · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 210 Share Chunnu Lal Gupta 15 Apr 2024 · 1 min read ** राम बनऽला में एतना तऽ..** ** राम बनला में एतना तऽ...** --------------------------------------------- माई-बाप के बचनिया लेके ओढ़े के पड़ी कुछहू कऽह देई केहू,मेहर छोड़े के पड़ी राम बनऽला में एतना तऽ, करे के पड़ी --------------------------------------------... Hindi · चुन्नू लाल गुप्ता · निर्गुण भजन 562 Share Chunnu Lal Gupta 31 Mar 2024 · 1 min read *** आप भी मुस्कुराइए *** *** आप भी मुस्कुराइए *** ---------------------------------- * मुझे देखकर एक फूल मुस्कुराने लगा मेरी बदहाली पर तरस खाने लगा मुझसे पूछा कि क्यों उदास हो * मैंने कहा लोग मुझे... Hindi · चुन्नू लाल गुप्ता · प्रेरक प्रसंग 1 1k Share Chunnu Lal Gupta 1 Mar 2024 · 1 min read !! सोपान !! ** प्रथम सोपान थाना है,बिज़नस का ज़माना है, बिज़नस को बढ़ाना है जांच नहीं पड़ताल नहीं कोई तहक़ीकात नहीं घर से पकड़ के लाना है रोड़वेज बतलाना है किसे पकड़ना... Hindi · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 147 Share Chunnu Lal Gupta 21 Feb 2024 · 1 min read !! पत्थर नहीं हूँ मैं !! भटकता रहा हूँ लेकिन, ब़ेदर नहीं हूँ मैं हलचल है आँधियों में,बेख़बर नहीं हूँ मैं दोराहे पर हूँ लेकिन, रहगुज़र नहीं हूँ मैं तश्वीर का हिस्सा हूँ, पलभर नहीं हूँ... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · चुन्नू लाल गुप्ता 197 Share Chunnu Lal Gupta 20 Feb 2024 · 1 min read !! परदे हया के !! परदे हया के फाड़-फाड़ वो कमसिन हो गए लज्ज़त मिली जो उनको वो नमकीन हो गए तन ढकने का सलीका भी आता नहीं जिनको होठों पर लगा लाली वो हसीन... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · चुन्नू लाल गुप्ता 1 248 Share Chunnu Lal Gupta 20 Feb 2024 · 1 min read " ऐसा रंग भरो पिचकारी में " प्रेम रंग की बौछारें हैं भीगो अबकी बारी में नेह,स्नेह,भाव,प्रीत के रंग भरो पिचकारी में बैर,द्वेष के भाव मिटे सब प्रेम उगे हर क्यारी में फुहारों से ग़मक उठे मन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 630 Share Chunnu Lal Gupta 20 Feb 2024 · 1 min read !! होली के दिन !! गुझिया,पापड़,पकवान सभे सब घुमि-घुमि के खाई गए ! चुन्नू मुन्नू गोलू, पप्पू सब खाई के भांग बऊराई गए ! होलिका में जरावै के खातिर लाला की गुमटी उठाई गए !... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 1 817 Share Chunnu Lal Gupta 20 Feb 2024 · 1 min read !! आशा जनि करिहऽ !! सहारा दीन दुखियन कऽ, केहू नाही आज़ बा आशा जनि करिहऽ भईया बिगड़ल समाज़ बा मोल नईखे रहि गईल लोगवन के प्यार के मोबाईल बिगाड़ देहऽलस घर के संस्कार के... Poetry Writing Challenge-2 · गीत · चुन्नू लाल गुप्ता 1 738 Share Chunnu Lal Gupta 18 Feb 2024 · 1 min read !! बोलो कौन !! दानवता के विष बेल को आगे बढ़ रोकेगा कौन ! असुरों का वध करनेवाला बोलो राम बनेगा कौन !! सीता पर कुदृष्टि डालते पहले उन्हें वधेगा कौन ! हर तन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 1 475 Share Chunnu Lal Gupta 17 Feb 2024 · 1 min read " वो क़ैद के ज़माने " याद आतें हैं अक्सर वो, क़ैद के ज़माने वो, थालियों की लाइन गैरों से दोस्तानें सिसकती ज़िंदगियां अनसुलझे अफसाने वो, बेचैन रातें क़ैदी, नये-पुराने याद..................... वो, बेबसी, ग़म, लाचारी अल्फ़ाज़ो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 161 Share Chunnu Lal Gupta 15 Feb 2024 · 1 min read !! ये सच है कि !! सजा रिश्तों के गुलदस्ते वो घर को घर बनाती है बहाकर प्रेम की गंगा हमें चलना सिखाती है अनेकों रंग फूलों के पिरो माला बनाती है सदा दुश्वारियां सहकर हमें... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 155 Share Chunnu Lal Gupta 15 Feb 2024 · 1 min read !! शिव-शक्ति !! •• काशी नगरी त्रिशूल धरे शशि माथे पर मुस्कान भरे गंगाजी जटा से बहें झर-झर जग के जैसे, सब पाप हरे विष रोक हलाहल ग्रीवा में 'प्रभु' देवन के उद्धार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 234 Share Chunnu Lal Gupta 15 Feb 2024 · 1 min read !! हे उमां सुनो !! हे उमां सुनो, हो भाग्यवती प्रभुवर'वर'आज़ तुम्हारे हैं गले में विषधर की माला नीलकंठ बने पी विष प्याला शशि माथे पर चमकें चम-चम शिव मस्त मलंग निराले हैं हे उमां... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 1 957 Share Chunnu Lal Gupta 15 Feb 2024 · 1 min read " लो आ गया फिर से बसंत " •• लो आ गया फिर से बसंत ------------------------------- नीरसता में रस घोल-घोल कलियों की आंखें खोल-खोल भरने उर में अनुराग कंत •• लो आ गया फिर से बसंत तरुओं में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 1 847 Share Chunnu Lal Gupta 11 Feb 2024 · 1 min read !! यह तो सर गद्दारी है !! पग-पग पर रिश्वतखोरी है,यह हक़ उनको सरकारी है सिंगल ड्यूटी, डबल कमाई--यह तो सर गद्दारी है ------ तरह तरह की लूट मची है, माल सभी सरकारी है चोरी, हत्या, लूट,... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · चुन्नू लाल गुप्ता 289 Share Chunnu Lal Gupta 10 Feb 2024 · 1 min read !! दर्द भरी ख़बरें !! "भड़क" उठीं चिंगारियां था ख़ामोश शहर कल बेख़ौफ़ हवाओं में होने लगी हलचल ----- सम्हल सम्हल के चल दर्द भरी ख़बरें सुन सुन हुए पागल दहशत में हर शहर है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 156 Share Chunnu Lal Gupta 10 Feb 2024 · 1 min read " बंदिशें ज़ेल की " समय को सामने से निकलता देख तु, हाथ मलेगा पश्चाताप के अग्नि में जलेगा अपने आप से रूठ जायेगा हृदय जब टूट जायेगा जब कोई अनहोनी सी खबर आयेगी समय... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 1 217 Share Chunnu Lal Gupta 10 Feb 2024 · 1 min read " आज़ का आदमी " मनचाहा मिल जाए दुकान ढूंढता है कहां मन्दिरों में कोई भगवान ढूंढता है ज़मीर बेच- बेच कर पहचान ढूंढता है सफ में चोरों के रहकर ईमान ढूंढता है ओंछी सी... Poetry Writing Challenge-2 · चुन्नू लाल गुप्ता · लेख 1 138 Share Chunnu Lal Gupta 6 Feb 2024 · 1 min read " न जाने क्या है जीवन में " विधाता क्या तेरे मन में न जाने क्या है जीवन में रहूँगा क़ैद पिंजड़े में या उड़ जाऊंगा उपवन में मिलेगा कोई उजड़ा वन या छू लूंगा गगन को मैं... Poetry Writing Challenge-2 · ईश प्रार्थना · चुन्नू लाल गुप्ता 837 Share Chunnu Lal Gupta 5 Feb 2024 · 1 min read " क़ैदी विचाराधीन हूँ " उदासियों का शहर है तड़पन भरा एक शीन हूँ हालात घर के सोचता बैठा हुआ ग़मगीन हूँ ----- क़ैदी विचाराधीन हूँ माहौल है ज़ुदा-ज़ुदा मैं ख़ुद में ही तल्लीन हूँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 1 166 Share Chunnu Lal Gupta 5 Feb 2024 · 1 min read " ज़ेल नईखे सरल " इहाँ जे भी मिलल, हमके आपन लगल -------------------- केहू कहत रहल -- सब्र कऽ बाँध दिल से जब टूटे लगल आँसू-अंखियन कऽ साथ छूटे लगल गुमसुम रहलीं केहू आके पूछे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 159 Share Chunnu Lal Gupta 2 Feb 2024 · 1 min read //••• क़ैद में ज़िन्दगी •••// रोक देते हैं, ज़ख़्मीं पंख परिंदों के सफ़र क़ैद में ज़िन्दगी ढाहो ना इतना भी कहर घरौंदे आँधियां तोड़ें यूं दरख्तों से कर जबर गुस्ताखियों की बस्ती में उलझा रहा... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · चुन्नू लाल गुप्ता 189 Share Chunnu Lal Gupta 2 Feb 2024 · 1 min read " प्रार्थना " हे उमापति, सुन लो विनती हृदय से बुलाया करते हैं इंसान न रहना चाहे जहां दिन रात सताया करते हैं पल-पल टूटते अरमां जहां उस बस्ती में हम रहते हैं... Poetry Writing Challenge-2 · ईश प्रार्थना · चुन्नू लाल गुप्ता 136 Share Chunnu Lal Gupta 2 Feb 2024 · 1 min read " रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए " हाय रे हाय कुछ भी समझ न आए, रे पंछी, पिंजड़ा में पछताए - २ घंटा गिने,पहरिया गिने सप्ताह,दिन,दुपहरिया गिने दिनवा गिनत रह जाए - रे पंछी अंखियां लोर बहाए... Poetry Writing Challenge-2 · चुन्नू लाल गुप्ता · दर्द भरे गीत 797 Share Chunnu Lal Gupta 2 Feb 2024 · 1 min read " मन मेरा डोले कभी-कभी " * देख परिंदों की आज़ादी मन मेरा डोले कभी-कभी काश कि,मैं आज़ाद हो पाऊं मैं भी अपने घर को जाऊं सैर करुँ मैं, शहर सभी मन मेरा........................ क़ैद ये बंदा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 415 Share Chunnu Lal Gupta 1 Feb 2024 · 1 min read " बीता समय कहां से लाऊं " रूठे जन को कैसे समझाऊं बीता समय कहां से लाऊं चिड़ियों की चह-चह सुनता जब आंख मेरी भर आती है कैसे होंगे बीवी बच्चे यादें सदा सतातीं हैं किससे कहूं,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 247 Share Chunnu Lal Gupta 31 Jan 2024 · 1 min read " क़ैद में ज़िन्दगी " तीस की उमर में पचास सी लगती है क़ैद में ज़िन्दगी, उदास सी लगती है ये ऊँची दीवारें, और बेवश हैं आंखें ये फूलों की डाली बेज़ार सी लगती है... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · चुन्नू लाल गुप्ता 1 451 Share Chunnu Lal Gupta 30 Jan 2024 · 1 min read " लोग " अपनों के ज़ुल्म आप ही, सहते रहे हैं लोग सैलाब -ए- अश़्क में भी, बहते रहे हैं लोग हालात -ए- ज़ख्म कैसे हैं,वो कह नहीं सकते दर्द दिल में रखकर... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · चुन्नू लाल गुप्ता 294 Share