Posts Tag: गांव 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Mulla Adam Ali 21 Apr 2025 · 1 min read गांव में बसी है सच्ची मानवता गाँव में जीवन है सरल और प्यारा, जहाँ हर दिल है एक-दूसरे से नज़दीक सारा। सभी मिलकर जीते हैं, सुख-दुख में साथ, गांव की गलियाँ हैं, सबकी एक ज़िंदगी का... Hindi · Gaon Par Kavita · Village · कविता · गांव · हिन्दी कविता 2 25 Share Rajkumar Sharma 16 Mar 2025 · 1 min read ज़िन्दगी का जोश *ज़िन्दगी के जोश को, उम्दा बनाइये,* *A.C की हवा छोड़ के, बाहर तो आइये।* *इस कमरे से उस कमरे में, काटो न ज़िन्दगी,* *ताजी हवा जो खानी है, खेतों में... Hindi · कविता · गांव · ज़िन्दगी · जोश 1 31 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 26 Sep 2024 · 1 min read चलो गांव को चले हे बन्धु! चलो गांव को चले जहां खेतों में लहराए फसले जहां सुख के फूल खिले जहां धूप में छाँव मिले जहां मन के सारे ग़म मिटे जहां बच्चे अतरंगी... Hindi · Anthology · SilentEyes · कविता · गांव 1 210 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 13 Feb 2024 · 1 min read शहर तुम गांव को चलो शहर तुम गांव को चलो वहां जहां ना कोई शोरगुल है, ना ऊंची इमारतों का जाल है, ना ही चिंताओं का बोझ है, वहां तो सिर्फ़... खेतों में लहराती फसलें... Poetry Writing Challenge-2 · Anthology · SilentEyes · कविता · गांव 1 222 Share Amulyaa Ratan 6 Dec 2023 · 1 min read मनीआर्डर से ज्याद... मनीआर्डर से ज्याद माँ मेरे आने की बाट देखती रहती है । जब भी कोई आता शहर से गांव मेरे हफ्तों उससे मेरा हाल पूछती रहती है । अब मेरी... Hindi · कविता · गांव · मनी आर्डर · माँ · साड़ी 2 295 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 5 Oct 2023 · 1 min read *शहर की जिंदगी* भीड़ में भी तन्हाई है शहरों में कहां गांव की हवा है शहरों में सरपट दौड़ती है जिंदगी यहां कहां आदमी की सुनवाई है शहरों में सुनता है पड़ोसी की... Hindi · Poetry · कविता · गांव · शहर · शिव 9 2 1k Share Ekta chitrangini 4 Jun 2023 · 1 min read "गांव की मिट्टी और पगडंडी" मिट्टी की सोंधी महक याद आई है, टेढ़े मेढ़े पगडंडी छोड़कर मैं आयी हूँ, पलते, बढते और लिखते पढ़ते, हर जगह गए चलते फिरते। कितना प्यारा मेरा गांव, कितना न्यारा... Poetry Writing Challenge · गांव 1 1k Share Rajdeep Singh Inda 6 Mar 2023 · 1 min read गाँव की याद सीमेंट कंक्रीट के घने जंगल के बीच आदमीयत से परे इंसानी नज़रों से दूर छुपकर खड़ी है एक छोटी सी खेजड़ी जिस पर फूल रही है इस मौसम की मिमझर... Hindi · कविता · गांव · गांव की याद · सांगरी · सांगरी की सब्जी 1 403 Share कवि अनूप अम्बर 22 Oct 2022 · 1 min read ओ परदेसी तेरे गांव ने बुलाया, ओ परदेसी तेरे गांव ने बुलाया, देखो ये संदेशा हैं भिजवाया । लौट गए सब पर्व सुहाने, लेकिन तू ना लौट के आया ।। जीवन को तूने अपने गंवाया, कमा... Hindi · गांव · दर्द · दौलत · परदेसी · सुख 2 378 Share Dr. Pradeep Kumar Sharma 29 Sep 2019 · 2 min read एक पंथ दो काज एक पंथ दो काज अक्सर इतवार की शाम शर्मा जी अपने बीबी-बच्चों के साथ लाँग ड्राइव पर शहर से दूर गाँव की ओर निकल पड़ते थे। इस बार भी अभी... Hindi · गरीब · गांव · मानवता · लघुकथा · सहयोग 893 Share