Posts Tag: ग़ज़ल 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Sandeep Thakur 16 Sep 2024 · 1 min read छोड़ तो आये गांव इक दम सब-संदीप ठाकुर छोड़ तो आये गांव इक दम सब पर जड़ें अपनी भूले कब हम सब फूलते हैं किवाड़ बारिश में कट के भी पेड़ में हैं मौसम सब संदीप ठाकुर Hindi · कविता · ग़ज़ल · मुक्तक · शेर · संदीप ठाकुर शायरी 230 Share Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya" 15 Sep 2024 · 1 min read हिंदी दिवस को प्रणाम हिंदी हैं जान, हिंदी हैं शान । हिंदी हैं अब, हमारी पहचान। । कश्मीर से लेकर, हिमाचल के पांजर । जीवन के रंग में हैं, हिंदी का सार ।। गंगा... Hindi · Quote Writer · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 1 51 Share Chunnu Lal Gupta 13 Sep 2024 · 1 min read //••• हिंदी •••// //••• हिंदी •••// ------------------ सूर,तुलसी,रसखान से मनके,सूत्र पिरोती हार सी है सप्त स्वरों से आच्छादित 'हिंदी' वीणा की झंकार सी है शब्दों के मधुरस की प्याली,बहती गंग की धार सी... Hindi · ग़ज़ल · चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ 107 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 13 Sep 2024 · 1 min read Maje me-Gajal नेताओं के थोथे वायदों , पर टिकी सरकार मजे में बस्ती-बस्ती सुलग रही है, आज का अखबार मज़े में। नेता की बातों में जादू, हर गली बाजार मज़े में। धर्म... Hindi · आनन्दवर्धक छंद · ग़ज़ल 1 59 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 12 Sep 2024 · 1 min read *बदल सकती है दुनिया* हर शक्स को इंसाफ़ मिलना चाहिए इस चमन का हर फूल खिलना चाहिए है ये दुनिया कितनी ख़ूबसूरत हर शक्स को ये अहसास होना चाहिए बदल रही है रवायतें, बदल... Hindi · Kavya · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 7 2 198 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 11 Sep 2024 · 1 min read ज़माने की आवाज़ सादर नमन 🙏💐प्रस्तुत है कुछ पंक्तियाँ इन पंक्तियों में मैंने सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया है। ये पंक्तियाँ न केवल प्रेम के विषयों से बाहर आकर... Hindi · ग़ज़ल 1 63 Share Dr Archana Gupta 10 Sep 2024 · 1 min read तेरे होने से ही तो घर, घर है तेरे होने से ही तो घर, घर है वर्ना लगता मकान खँडहर है जीतने वाले को ये कहते सब भाग्य का वो बड़ा सिकंदर है किस्से मशहूर जिसके हँसने के... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल 3 1 106 Share shabina. Naaz 10 Sep 2024 · 1 min read किसी की इज़्ज़त कभी पामाल ना हो ध्यान रहे किसी की इज़्ज़त कभी पामाल ना हो ध्यान रहे फैसला करना हो तो याद रहे बीच मे कुरआन रहे : अगर किया है किसी ने किसी पे अहसान कोई ना... Hindi · Book3 · Quote Writer · ग़ज़ल 68 Share अमित 9 Sep 2024 · 1 min read वो लम्हे जैसे एक हज़ार साल की रवानी थी वो दिन, वो लम्हे जैसे एक हज़ार साल की रवानी थी, हर सांस में बसी, इक इश्क़ की रवायती कहानी थी। बिना किसी तशवीश के, हम थे बस फ़ितरत के... Hindi · Gazal ग़ज़ल · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 2 56 Share Dr. Rajeev Jain 8 Sep 2024 · 1 min read परिस्थिति और हम गुमान ख़ुद पर, पर सब परिस्थितियों के सहारे हैं , अदना सा ख़ुद और ख़्वाहिशें बेहिसाब पाले हैं l हवा जैसी चले, उसी दिशा बहने में, ही समझदारी, मूरख, तू... Hindi · कविता · ग़ज़ल · परिस्थिति · राजीव · समय 59 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 8 Sep 2024 · 1 min read रीत की वात अवं किनखs भावज सादर नमन 🙏💐प्रस्तुत है आज कुछ निमाड़ी पंक्तियाँ |निमाड़ की माटी का लाल होकर निमाड़ी में कुछ ना लिखें ऐसा नहीं हो सकता | लीजिये निमाड़ी रचना का आनंद और... Hindi · ग़ज़ल 89 Share राधेश्याम "रागी" 8 Sep 2024 · 1 min read ✍️ नशे में फंसी है ये दुनियां ✍️ 🌹गज़ल 🌹 मापनी: १२२ १२२ १२२, १२२ १२२ १२२ ✍️ नशे में फंसी है ये दुनियां ✍️ नशे में फंसी है ये दुनियां, कहां जा बसी है ये दुनियां। दिया... Hindi · ग़ज़ल 47 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 8 Sep 2024 · 1 min read "हिचकी" ग़ज़ल कहाँ से यकबयक, ये धूप मेँ, बदली आई, मिरे आग़ोश मेँ, इक शोख़ सी, तितली आई। कू-याराँ मेँ, देखता था, उसी के, घर को, याद क्या उसको, पुरानी सी वो... Hindi · ग़ज़ल 3 3 115 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 7 Sep 2024 · 1 min read हिम्मत का सफर सादर नमन 🙏💐प्रस्तुत कुछ पंक्तियाँ जिसका शीर्षक है "हिम्मत का सफर " मुश्किलें देख के मैं घबरा रहा था सामना करूँगा कैसे,क़तरा रहा था रास्ते में हर कदम काँटों से... Hindi · ग़ज़ल 87 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 7 Sep 2024 · 1 min read इन्साफ की पुकार महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, दुष्कर्म और हत्या जैसी घटनाएं हमारे समाज पर एक गहरा धब्बा हैं। हर बेटी, हर बहन और हर माँ को सुरक्षित और सम्मानित महसूस कराने... Hindi · ग़ज़ल 81 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 7 Sep 2024 · 1 min read उम्मीद की डोर सादर नमन 🙏💐 प्रस्तुत है कुछ स्वरचित और मौलिक पंक्तियाँ जिसका शीर्षक है "उम्मीद की डोर " मन में कोई कसक रहती है, देश के हालात देखकर, हर रोज़ नई... Hindi · ग़ज़ल 82 Share Dushyant Kumar Patel 7 Sep 2024 · 1 min read *आंखों से जाम मुहब्बत का* आंखों से जाम मुहब्बत का रोज़ पिलाती है l पर न कभी कोई शाम हसीं साथ बिताती है l जब वो शाम ए तसव्वुर में मिलने आती है, मेरी हंसती... Hindi · Gazal · ग़ज़ल 73 Share VINOD CHAUHAN 7 Sep 2024 · 1 min read जिंदगी रुठ कर इस कदर कहाँ जाएगी जिंदगी रूठ कर हमसे तूँ कहाँ जाएगी यकीन है दिल को हमारे तूँ लौट आएगी मैने बहुत प्यार किया है जिंदगी तुझसे तुझे मालूम ही नहीं जो तूँ चली जाएगी... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 69 Share Pankaj Bindas 7 Sep 2024 · 1 min read ग्यारह होना दुःख मे एक-एक ग्यारह होना कभी न नौ दो ग्यारह होना। शून्य एक को लाख करे, तुम ग्यारह ग्यारह ग्यारह होना। ब्रह्मा, विष्णु, महेश एक हैं जैसे एक सौ ग्यारह... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 50 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 4 Sep 2024 · 1 min read परछाई यूँ दूर न रह ऐ मिरी परछाई, इधर आ, दिल को भी सुकूं दे कोई अंगड़ाई, इधर आ। मिल बाँट कर खाने वाले दिन बीत गए हैं, अब लूट का... Hindi · ग़ज़ल 1 123 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read बचपन की वो बिसरी यादें...!! बचपन की वो बिसरी यादें, लिख दूँ क्या.! साथ बिताए थे जो लम्हें., लिख दूं क्या.!! मेरे वादे..., तेरी क़समें...., लिख दूँ क्या..! चाँद सितारों की सौगातें.., लिख दूँ क्या.!!... Hindi · ग़ज़ल 1 90 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read ज़िन्दगी..!! दर्द, आँसू, तड़प, बेबसी ज़िन्दगी ज़िन्दगी ज़िन्दगी। सेंकता ही रहा रोटियाँ कुछ पकी कुछ जली अधजली। भूख की देखकर के तड़प हँस रही है खड़ी मुफ़लिसी। ज़ख़्म इतने मिले हैं... Hindi · ग़ज़ल 60 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read मैं "परिन्दा" हूँ........., ठिकाना चाहिए...! ज़िन्दगी जी लूँ............, तज़रबा चाहिए डूबते को बस.............., सहारा चाहिए। है तलब लोगों को........, सुनने की मुझे फिर नया सा कोई......, किस्सा चाहिए। आँधियां रुख़ मोड़ लेंगी...., ख़ुद-ब-खुद बस हमें... Hindi · ग़ज़ल 87 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ..! तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ *बहुत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ!* मुझे माफ़ करना बिना तुझ से पूछे तेरी ज़िन्दगी में दख़ल लिख रहा हूँ! नज़र भर... Hindi · ग़ज़ल 119 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read आसमां में चाँद... आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला चाँदनी का नूर मद्धिम हो रहा है क्यूँ भला। धूल की परतें जमी हैं आदमी की सोच पर नफ़रतों की फस्ल... Hindi · ग़ज़ल 51 Share पंकज परिंदा 1 Sep 2024 · 1 min read ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा... इश्क़ है ब़े-हिसाब, आ तो जा। तुझपे लिख दूँ किताब आ तो जा। अब नशा बस तेरा ही काफी है छोड़ दी ले शराब, आ तो जा। कितनीं कसमें थीं,... Hindi · ग़ज़ल 1 53 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 31 Aug 2024 · 1 min read मित्रता की परख मित्र बनाने वालों का भी इक चित्र होता है जों है उसके अलावा भी इक चरित्र होता है कहते है विपदा मैं साथ दे वो सुमित्र होता है मुश्किल में... Hindi · ग़ज़ल 69 Share Aman Sinha 25 Aug 2024 · 1 min read हाथ पकड़ चल साथ मेरे तू हाथ पकड़ चल साथ मेरे तू, दुनिया से क्यों डरती है? ये न समझे प्रेम को तेरे, इसमें तेरी क्या गलती है? प्रेम तेरा है निर्मल जल सा, थोड़ी भी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · गीतिका · मुक्तक 105 Share Harinarayan Tanha 23 Aug 2024 · 1 min read शायर का मिजाज तो अंगारा होना चाहिए था शायर का मिजाज तो अंगारा होना चाहिए था और उसकी शायरी को तो शरारा होना चाहिए था ये जो लड़की अदाएं दिखा रही है सिर पर ईंटें उठाएं हुए असल... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 57 Share Pankaj Bindas 23 Aug 2024 · 1 min read पंकज बिंदास कविता मेरा आज मेरा कल बनाएगा इसीलिए पढ़ो इसीलिए गढ़ो इसीलिए उठो बीज सा फूटो जर्जर हो टूटो स्वयं से रूठो स्वयं से पूछो मेरा दिन आखिर कब आएगा मेरा आज... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 79 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 17 Aug 2024 · 1 min read सजदा यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी, हुक्म-ए-यार में झुका सर उसे दिखता नहीं इत्तेफ़ाक ही था पहली नज़र का मिलना भी, शर्म-ओ-हया में छिपा चेहरा उसे दिखता नहीं... Hindi · ग़ज़ल · तमन्ना · सजदा 54 Share लवकुश यादव "अज़ल" 17 Aug 2024 · 1 min read वीरान गली हैरान मोहल्ला कुछ तो अपना अंदाज लिखो / लवकुश_यादव_अजल वीरान गली हैरान मोहल्ला कुछ तो अपना अंदाज लिखो, थोड़ा बिखरा थोड़ा टूटा कुछ तो सपने आसान लिखो। मालूम नही दिल की धड़कन को दिल की परेशानी, समझ में आए... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · दोहा 137 Share MEENU SHARMA 16 Aug 2024 · 1 min read अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजे. एक माँ की जुबानी बिटिया मेरी प्यारी बिटिया क्या तुझे जन्म देकर मैंने ठीक किया जब तू मेरी कोख़ में थी शायद तू तब तक ही सुरक्षित थी अब तो... Hindi · कविता · कहानी · कोटेशन · ग़ज़ल · बाल कविता 5 5 159 Share Dr fauzia Naseem shad 16 Aug 2024 · 1 min read वो हमें कब वो हमें कब शुमार करते हैं। जब कि हम उनसे प्यार करते हैं। छीनते चैन हैं वही दिल का, जो भी ज़्यादा दुलार करते हैं। उनको फ़ौरन जवाब देने में,... Hindi · ग़ज़ल 3 74 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 15 Aug 2024 · 1 min read "योमे-जश्ने-आज़ादी" 2024 कभी ज़मीं तो कभी आसमान कहते हैं, तिरी ही ज़र, तिरी दौलत पे नाज़ करते हैं। हो मुबारक सभी को योमे-जश्ने-आज़ादी, सभी शहीद फ़क़त दिल मेँ मिरे रहते हैं। ख़ुशनसीबी... Hindi · ग़ज़ल 16 27 423 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 12 Aug 2024 · 1 min read क़दमों के निशां घाव दिलों के गहरे ,जमाने के तानों से रिसते चले गए, मेरे क़दमों के निशाँ ,वक्त की लहरों से मिटते चले गए ! समेटी जिंदगी भर की तन्हाइयां इन बेबस... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 78 Share अश्क चिरैयाकोटी 10 Aug 2024 · 1 min read अदा बोलती है... ये दुनिया न सोचो कि क्या बोलती है, इसे बोलना है, सदा बोलती है।। दिखावा बहुत ही करे बे-हयाई, हयादार की तो हया बोलती है।। मुहब्बत में होता है ऐसा... Hindi · ग़ज़ल 1 120 Share Godambari Negi 10 Aug 2024 · 1 min read ग़ज़ल 1222 1222 1222 1222 10-08-24 तुम्हें हर दम सताने की अदा भी छोड़ आये हैं। दिमागों में भरी अपनी जफा भी छोड़ आये हैं। दिये थे घाव जो तुमको हुई... Hindi · ग़ज़ल 1 119 Share Pankaj Bindas 9 Aug 2024 · 1 min read एक बार होता है बार बार नही इजहार एक बार होता है ज़िंदगी मे भी बस प्यार एक बार होता है. कुछ लोग गिनाते अपनी ढेर सारी मुहब्बतें पर वो वाला प्यार यार एक... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 1 89 Share Vijay kumar Pandey 9 Aug 2024 · 1 min read Pyasa ke gajal ~ ग़ज़ल ~ कोई पहले कोई बाद में परेशान हुआ। जो ना समझा हर इक बात में परेशान हुआ। *** ये दुनिया चल रही ऐसे ही रफ्तार में कुछ ,... Hindi · ग़ज़ल 111 Share Dr fauzia Naseem shad 8 Aug 2024 · 1 min read दीप उल्फ़त के नफ़रतों को न तुम हवा देना। दीप उल्फ़त के मत बुझा देना। आदमी की इस आदमीयत को, इस जहां से न तुम मिटा देना। अम्न से ज़िन्दगी ये जीने दो,... Hindi · ग़ज़ल 3 105 Share Dr fauzia Naseem shad 7 Aug 2024 · 1 min read कुछ मुस्कुरा के कुछ मुस्कुरा के ज़िन्दगी जी भी लिया करो। रोने से पहले अश्कों को पी भी लिया करो। बाहम अगर तनाज़ा है तो कर दो दर-गुज़र, गुस्से में फ़ैसला न कोई... Hindi · ग़ज़ल 2 93 Share Vijay kumar Pandey 7 Aug 2024 · 1 min read --पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा' ---पुर्णिका--- रख दूं कलम मै क्या ,ये बस का काम नही है। लिखना लिखाना सच, में खाना आम नही है। *** लिखते अगर हो व्यंग्य तो कुछ क्रुद्ध हो जायें,... Hindi · ग़ज़ल · पुर्णिका 99 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 6 Aug 2024 · 1 min read मेरा मनपसंदीदा शख्स अब मेरा नहीं रहा मेरा मनपसंदीदा शख्स अब मेरा नहीं रहा, खुशियों का वो सागर अब वीरान हो गया। उसकी हंसी में बसी थी मेरी हर एक सुबह, पसरी खामोशी हर रंग अब फीका... Hindi · SilentEyes · ग़ज़ल 1 108 Share rkchaudhary2012 5 Aug 2024 · 1 min read आसान नहीं हैं बुद्ध की राहें किसी को धोखा देना किसी से छल करना किसी का हृदय तोड़ना यह एक प्रकार की होती है हिंसा हिंसा से रहना होता है विरत आसान नहीं है बुद्ध की... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · बुद्ध 1 87 Share Suryakant Dwivedi 5 Aug 2024 · 1 min read रातें सारी तकते बीतीं पहली ग़ज़ल दिल का दिल पर असर नहीं है जो भी कह लो, सबर नहीं है रातें सारी तकतें बीती फिर भी उनको खबर नहीं है गर ना होती दिल... Hindi · कविता · ग़ज़ल 77 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 5 Aug 2024 · 1 min read *इश्क़ इबादत* हो अगर प्यार में तुम किसी के ये ज़िन्दगी जन्नत से कम नहीं हो तुम महबूब की बाहों में अगर तो मरने का भी कोई ग़म नहीं यही तो होती... Hindi · Best Hindi Poetry · Love Poetry · Poetry Of Love · कविता · ग़ज़ल 5 3 209 Share Aman Sinha 4 Aug 2024 · 2 min read जॉन तुम जीवन हो तुमको पढ़ा, तुमको जाना, तो ये समझ में आया है, कितनी बेकरारी को समेट कर तूने कोई एक शेर बनाया है। रईसी ऐसी कि बस इशारों में मुआ हर काम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 54 Share प्रीतम श्रावस्तवी 4 Aug 2024 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल रंज दर्द ग़म फुरक़त पाओगे ज़माने में मुब्तिला हुए गर तुम दिल यहाँ लगाने में भूल कर वफ़ा सारी जिसने तुमको ठुकराया बेहतरी तुम्हारी है उसको भूल जाने में... Hindi · ग़ज़ल 61 Share Dr fauzia Naseem shad 4 Aug 2024 · 1 min read कभी हक़ कभी हक़ किसी पर जताया नहीं है। कि, ख़्वाहिश है क्या ये बताया नहीं है। कभी हम जो नाराज़ ख़ुद से हुए हैं, किसी ने भी हमको मनाया नहीं है।... Hindi · ग़ज़ल 2 140 Share Previous Page 4 Next