"शर्म मुझे आती है खुद पर, आखिर हम क्यों मजदूर हुए"
मेरी कलम से... आनन्द कुमार तुमने बोला हम ठहर गये, न गांव गये न शहर गये, फिर क्यों ऐसे हालात हुए, जो उम्मीद के रास्ते बदल गये। इल्जाम लगाऊं क्या...
Poetry Writing Challenge · कविता · कोविड · मेरी कलम से… आनन्द कुमार