Posts Tag: कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kanchan Khanna 10 Aug 2023 · 1 min read लड्डू बद्री के ब्याह का "अरी बद्री की अम्मा, कब खिला रही हो बद्री के ब्याह का लड्डू ? अब तो छोरे को जवान हुए भी उमर बीत गयी है और तुम हो कि चुप्पी... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · लघु कहानी 569 Share Kanchan Khanna 5 Jul 2023 · 3 min read कहाँ जाऊँ....? बीस वर्ष की हुई थी वह, जब एक दुर्घटना में माता-पिता का देहांत हो गया। जिंदगी ठीक-ठाक चल रही थी उसकी। पिता गाँव के स्कूल में अध्यापक थे। माँ कुशल... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 530 Share Kanchan Khanna 4 Jul 2023 · 4 min read उड़ान ~ एक सरप्राइज मेजर धीरेन्द्र वर्मा अपने सेब के बाग में खड़े माली से बातचीत में व्यस्त थे कि उनके मोबाइल की घंटी बज उठी। ज्यों ही फोन उठाया, दूसरी तरफ से घर... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 196 Share Kanchan Khanna 3 Jul 2023 · 4 min read लौट आयी स्वीटी विद्यालय में अंग्रेजी का पीरियड ले रही स्वीटी चौंक गयी, जब कक्षा का एक छात्र उठकर यह कहता हुआ कक्षा से बाहर बिना उससे अनुमति लिए दौड़ गया कि हवाईजहाज... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) 223 Share Kanchan Khanna 3 Jul 2023 · 4 min read वो मूर्ति "शहर के जाने-माने एरिया में स्थित यह कोठी काफ़ी पुरानी और बड़ी थी। कमरे भी बहुत से थे इस कोठी में। कभी इस कोठी में किसी मूर्तिकार का परिवार रहता... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 1 2 489 Share Kanchan Khanna 15 Jun 2023 · 3 min read वीर-स्मृति स्मारक कैप्टन उदयवीर सिंह कुछ समय पूर्व ही भारतीय सेना में शामिल होकर अपनी पहली पोस्टिंग परजैसलमेर(राजस्थान) पहुँचे थे। बचपन से उदयवीर भारतीय सेना के प्रति विशेष लगाव रखते थे। उनके... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 480 Share Kanchan Khanna 14 Jun 2023 · 2 min read तनावमुक्त कल से लाॅकडाउन खुल रहा है। शाम की चाय पीते हुए ज्यों ही पुत्र ने बताया, शर्मा जी के हृदय को अनकही सी राहत मिली। शर्मा जी रिटायर्ड प्रोफ़ेसर थे।... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी · सामाजिक 483 Share Kanchan Khanna 14 Jun 2023 · 5 min read पिया घर बरखा कल शाम से ही मौसम बदला हुआ था। आसमान में बादलों की आवाजाही जारी थी। रह - रह कर बौछार होने लगती, फिर थम जाती। कुल मिलाकर मौसम खुशगवार था।... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 2 454 Share Kanchan Khanna 3 Jun 2023 · 5 min read तू तो होगी नहीं....!!! पिता के जीवनकाल में उनके समस्त पारिवारिक दायित्वों में उन्हें मानसिक व आर्थिक संबल प्रदान करने वाली वैदेही अपने मात-पिता की सबसे बड़ी सन्तान थी। एक साधारण दुकानदार पिता की... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 612 Share